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लंकेश की ससुराल में होता है अनोखा युद्ध, यहां तोड़ी जाती है रावण की नाक

मंदसौर के धमनार गांव में राम-रावण युद्ध में रावण की नाक तोड़ने की अनूठी परंपरा सदियों से चली आ रही है.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

MANDSAUR UNIQUE RAVAN DAHAN
मंदसौर में सदियों से चल रहा राम रावण का युद्ध (ETV Bharat)

मंदसौर: देश भर में दशहरा का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. जगह-जगह पर बुराई के प्रतीक रावण के पुतलों का दहन किया जा रहा है. जबकि मध्य प्रदेश के मंदसौर में रावण की ससुराल होने की वजह से आज के दिन यहां रावण की पूजा की जाती है. वहीं इसी जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां रावण की पक्की प्रतिमा बनी हुई है. जिस पर लोग चढ़ाई करके दशहरे के दिन उसका वध करते हैं. चढ़ाई के दौरान युद्ध में जो युवक रावण के ऊपर चढ़कर उसे मारता है. वह उस साल का राम कहलाता है.

यहां आसन पर विराजमान है रावण

मंदसौर जिले के ग्राम धमनार में दशहरे के पर्व को मनाने की बड़ी अनूठी परंपरा है. यहां सैकड़ों सालों से रावण की प्रतिमा पर चढ़ाई करने की परंपरा है. इस गांव में रावण की 51 फीट पक्की सीमेंटेड प्रतिमा है. यहां रावण एक आसन पर विराजमान है. इस प्रतिमा पर लोग चढ़ाई करते हैं. इसके बाद जो युवक प्रतिमा पर चढ़कर रावण की नाक तोड़ देता है. उस युवक को साल भर राम कहा जाता है. खास बात यह है कि इस परंपरा का निर्वाह पूरी तरह रामायण की कथा के हिसाब से ही किया जाता है.

लंकेश की ससुराल में होता है अनोखा युद्ध (ETV Bharat)

रावण पर चढ़कर तोड़ी जाती है नाक

धमनार गांव में रावण वध के पहले राम और रावण की सेना में युद्ध होता है. सबसे पहले लंका दहन होता है, फिर दोनों सेना में युद्ध की ललकार होती है. इस दौरान आसन पर विराजमान रावण के साथ उसकी सेना खड़ी होती है और नीचे राम की सेना होती है. फिर युद्ध की घोषणा के बाद राम की सेना रावण के आसन पर चढ़ाई करती है. राम की सेना फिर आसन पर विराजमान रावण की प्रतिमा पर ही चढ़कर उसे मारने की कोशिश करती है. इस दौरान रावण की सेना के राक्षस, राम सेना के युवकों को चढ़ने और उसे मारने से रोकते हैं, लेकिन अंत में राम की सेना का एक युवक रावण के कंधे पर चढ़कर उसकी लंबी नाक पर मुक्का मारता है. जिसे रावण वध का प्रतीक माना जाता है.

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घनश्याम धाकड़ने बताया कि "पुरखों द्वारा बताई गई इस परंपरा को नई पीढ़ी आगे बढ़ा रही है. ग्राम के सरपंच रामेश्वर धाकड़ और दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण मेहता ने बताया कि "बुजुर्ग जिस परंपरा को शुरू करके गए थे. युवा पीढ़ी आज भी उसी हिसाब से इस पर्व को मानती है. पर्व को मनाने के दौरान यहां राम और रावण की सेना में युद्ध होता है. इस दौरान रावण का वध किया जाता है." तहसीलदार राहुल डाबरने बताया कि "यह आयोजन अब बड़े पैमाने पर होने लगा है. इसलिए ग्रामीणों की मांग पर वह आने वाले सालों में यहां अच्छे मैदान की व्यवस्था करेंगे."

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