मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : एमसीबी जिले के चिरमिरी क्षेत्र को कोल नगरी कहा जाता है.यहां की चिरमिरी ओपन कास्ट कोल माइंस में सैंकड़ों मजदूर और अफसर काम करते हैं. खदान के जोखिम भरे काम में कभी भी किसी की जान भी जा सकती है. इसलिए ज्यादातर पुरुष ही कोल माइंस के काम में आते हैं.लेकिन चिरमिरी क्षेत्र की महिलाएं ओपन कास्ट कोल माइंस में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहीं हैं. इस काम को करना हर किसी के बस की बात नहीं है,क्योंकि जरा सी गलती और समझ लिजिए आपकी जान गई.फिर भी परिवार का पेट पालने के लिए ये महिलाएं जोखिम से बिना डरे निश्चिंत होकर अपने काम को अंजाम दे रही हैं.
पुरुषों के साथ महिलाओं ने दिखाई हिम्मत :चिरमिरी ओपन कास्ट कोल माइंस में महिलाएं भी पुरुषों के जैसे बड़ी-बड़ी मशीनों को ऑपरेट कर रही हैं. यही नहीं ब्लास्टिंग के काम में भी महिलाएं निपुण हैं.जमीन के अंदर कई फीट नीचे दबे कोयले को निकालने के लिए महिलाएं ब्लास्टिंग भी करती हैं.इन महिलाओं की कार्यकुशलता ने साबित किया है कि ये पुरुषों से जरा भी कम नहीं हैं.
14 साल से हैवी मशीन की ऑपरेटर : ओपन कास्ट में काम करने वाली हेमलता करीब 14 साल से इस काम को कर रहीं हैं.हेमलता को उनके पिता की जगह पर नौकरी मिली. हेमलता के पिता भी इसी काम को करते थे.पिता की मौत के बाद शुरुआत में उन्हें हैवी मशीन देखकर काफी डर लगा.लेकिन अब वो इसे चलाने में माहिर हैं.
''मेरे पिताजी यही काम करते थे. अब वो नहीं रहे तो उनकी जगह मैं काम कर रही हूं. महिलाएं अब कुछ भी काम कर सकती हैं.आज हम लोगों को गर्व है कि हम भी वो काम कर सकते हैं जो पुरुष करते हैं.''- हेमलता यादव,मशीन ऑपरेटर
ब्लास्टिंग जैसा मुश्किल काम अब लगता है आसान :वहीं एक और महिला कामगार हीरामती ने बताया कि वो कोल माइंस में ब्लास्टिंग का काम करती हैं.उन्हें पति की जगह पर एसईसीएल में नौकरी मिली. परिवार में छोटे-छोटे बच्चे थे.जिनकी जिम्मेदारी सिर पर आ गई.इसलिए जो काम मिला उसे करना शुरु किया.