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गांधी जयंती: बापू का लौहनगरी से रहा खास लगाव, जानें पहली मुलाकात में ही कैसे बन गए थे मजदूरों के मसीहा - Gandhi attachment Tata Steel worker

Gandhiji Journey to Jamshedpur. देश की आजादी के लिए सत्य और अहिंसा की मार्ग पर चलकर चरणबद्ध आंदोलन करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का लौहनगरी जमशेदपुर से खास नाता रहा है. टाटा स्टील के मजदूर आज भी वर्कर्स के अधिकारों और हक के लिए गए फैसले के प्रति गांधीजी का सम्मान व्यक्त करते हैं.

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गांधीजी की तस्वीर (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 2, 2024, 9:37 AM IST

जमशेदपुर:देश के इतिहास में जमशेदपुर की एक अलग पहचान है. लौहनगरी को मजदूरों का शहर भी कहा जाता है. इस शहर से महात्मा गांधी का जुड़ाव रहा है. उनसे जुड़ी यादें आज भी जमशेदपुर में गवाह है. गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 में जन्मे महात्मा गांधी देश की आजादी के साथ मजदूरों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ी थी. आजादी से पूर्व अविभाजित बिहार में देश की पहली स्वदेशी कंपनी टाटा स्टील में 1924 में मजदूरों ने हड़ताल कर दिया था, जिससे प्लांट पूरी तरह ठप पड़ गया. गांधी जी से बातचीत के बाद मजदूरों ने ये हड़ताल खत्म कर दी थी.

संवाददाता जितेंद्र कुमार की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

मजदूरों की हड़ताल की खबर सुनकर गांधी जी 8 अगस्त 1925 में पहली बार जमशेदपुर पहुंचे. जहां यूनाइटेड क्लब में मजदूरों के साथ घंटों सभा चली. इस दौरान गांधी जी ने कहा कि हड़ताल समस्या का समाधान नहीं है. उन दिनों जमशेदपुर लेबर एसोशिएशन के बैनर तले टाटा स्टील के मजदूर हड़ताल पर थे. इस दौरान बिष्टुपुर के आउटर सर्किल रोड स्थित S6 क्वार्टर नंबर 1 में महात्मा गांधी ने वक्त बिताया था और मजदूरों, प्रबंधन के बीच समझौता कराकर हड़ताल समाप्त कराया गया.

इसी क्वार्टर में गांधीजी का था ठहराव (ETV BHARAT)

पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ दूसरी बार आए थे जमशेदपुर

यूनियन के उपाध्यक्ष शाहनवाज आलम बताते हैं कि उसी क्वार्टर में गांधी जी ने जमशेदपुर लेबर एसोसिएशन के कार्यालय का उद्घाटन किया था. इस दौरान यूनियन के लीडरों को कहा गया था कि एक अच्छे लीडरशिप के लिए यूनियन जरूरी है और यूनियन के साथ प्रबंधन समय-समय पर वार्ता कर सकें, इसके लिए यूनियन का अपना एक कार्यालय भवन होना जरूरी है. जिसके बाद टाटा वर्कर्स यूनियन का अपना एक कार्यालय भवन बनकर तैयार हुआ.

टाटा वर्कर्स यूनियन (ETV BHARAT)

शाहनवाज आलम ने बताया कि महात्मा गांधी दूसरी बार 1934 में पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ जमशेदपुर आए थे. इस समय जमशेदपुर में ठक्कर बापा का हरिजन आंदोलन चल रहा था. जिसमें महात्मा गांधी ने आंदोलनकारियों की सभा को संबोधित किया. इस दौरान महात्मा गांधी टाटा स्टील कंपनी के अंदर पूरे प्लांट का भ्रमण भी किया था. गांधीजी तीसरी बार 1940 में रामगढ़ से लौटने के दौरान कुछ पल जमशेदपुर में बिताया था.

महात्मा गांधी की तस्वीर (ETV BHARAT)

बता दें कि जमशेदपुर के मजदूर महात्मा गांधी को मजदूरों का मसीहा मानते हैं. गांधी जी के संबोधन के कुछ महत्वपूर्ण विचारों को टाटा वर्कर्स यूनियन कार्यालय में आज भी सजोकर रखा गया है. वहीं, जिस क्वार्टर में महात्मा गांधी ठहरे थे, जनता उसे ऐतिहासिक क्वार्टर मानती है. यहां के रहने वाले सचिन का कहना है कि उनके दादा बताते थे कि यहां क्वार्टर में गांधी जी ठहरे थे, इसलिए हमें इस क्वार्टर पर गर्व है.

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