रायपुर:छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के खारुन नदी के तट पर बसे हटकेश्वर नाथ धाम को महादेव घाट के नाम से भी जाना जाता है. हटकेश्वरनाथ धाम में स्वयंभू शिवलिंग मौजूद है. यहां हर साल महाशिवरात्रि और कार्तिक पूर्णिमा पर भव्य मेला लगता है.महाशिवरात्रि को लेकर पूरे मंदिर परिसर को भव्य सजाया जाता है. यहां महाशिवरात्रि के मौके पर भक्तों की उमड़ने वाली भीड़ देखने लायक होती है. इस दिन यहां विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ का माता पार्वती से विवाह कराया जाता है.
राजा ब्रह्मदेव ने कराया था मंदिर का निर्माण:कहा जाता है कलचुरी शासनकाल में राजा ब्रह्मदेव ने पुत्र रत्न की प्राप्ति के बाद साल 1928 में इस मंदिर का निर्माण कराया था. इस मंदिर का निर्माण 1428 ईस्वी में राजा ब्रह्मदेव ने किया था. उस समय हैययवंशी राजाओं का शासन काल था. मंदिर के पुजारी की मानें तो राजा ब्रह्मदेव के घोड़े को रायपुर के पास चोट लगी थी. वह घोड़ा गिर गया, जिसके बाद उस स्थल से घास फूस और सूखी लकड़ियों को हटाकर जब राजा ने देखा तो वहां पर स्वयंभू शिवलिंग मौजूद थे. राजा ने खारून नदी से जल लाकर शिवलिंग को अर्पित किया और भगवान से प्रार्थना की कि जब उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी, तब वो यहां मंदिर का निर्माण कराएंगे. पुत्र प्राप्ति के बाद राजा ने यहां मंदिर का निर्माण कराया.
राजा ब्रह्मदेव ने पुत्र धन की प्राप्ति के बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया. महाशिवरात्रि ही नहीं कार्तिक पूर्णिमा और सावन माह में भी यहां भव्य मेला लगता है. इस दौरान यहां भक्तों की भीड़ देखने लायक होती है. -पंडित सुरेश गिरी गोस्वामी, पुजारी, हटकेश्वरनाथ धाम