मंडी: आज देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है. भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि का पर्व छोटी काशी मंडी में बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. मान्यता है कि 1527 ई. में मंडी शहर की स्थापना के बाद से ही इस जनपद में शिवरात्रि महोत्सव को मनाया जाता रहा है. उस समय के तत्कालीन राजा अजबर सेन द्वारा इस शहर की स्थापना की गई थी. यह शहर अपने प्राचीन मंदिरों व देव संस्कृति के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है.
छोटी काशी मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव (ETV Bharat)
शिवरात्रि मेले का राज परिवार से गहरा नाता
आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके मंडी के शिवरात्रि मेले का राज परिवार से गहरा नाता है. जब तक शहर में भगवान माधव राय की पालकी नहीं निकलती तब तक शिवरात्रि महोत्सव की शोभायात्रा नहीं निकाली जाती है. राज माधव राय को भगवान श्री कृष्ण का रूप माना जाता है. 18वीं शताब्दी के दौरान राजा सूरज सेन के 18 पुत्रों का निधन हो गया और उन्होंने अपना सारा राजपाठ भगवान श्री कृष्ण के रूप राज माधव राय को सौंप दिया और खुद सेवक बन गए थे. तब से आज तक राज माधव राय की अगुवाई में ही छोटी काशी मंडी में शिवरात्रि महोत्सव मनाया जा रहा है. यही कारण है कि महोत्सव में शिरकत करने वाले सभी देवी-देवता सबसे पहले राज माधव राय के पास ही अपनी हाजिरी भरते हैं.
मंडी में शिवरात्रि महोत्सव (ETV Bharat)
देवताओं के अनुमति के बाद शुरू होता है शिवरात्रि महोत्सव
शिवरात्रि महोत्सव की एक मान्यता यह भी है कि इसमें शैव, वैष्णव और लोक देवताओं का मिलन होता है. शैव को भगवान शिव, वैष्णव को भगवान कृष्ण और लोक देवता जनपद के आराध्य देव बड़ा देव कमरूनाग को कहा गया है. इन तीन देवताओं के अनुमति के बाद ही शिवरात्रि का महोत्सव शुरू होता है.
सर्व देवता समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा ने बताया, "25 फरवरी से देवी-देवताओं का आगमन छोटी में शुरू हो गया है. बड़ा देव कमरूनाग के बाद जनपद के 6 और प्रमुख देवी-देवताओं ने भी मंडी में शिरकत कर दी है. 26 फरवरी को जनपद के अधिकतर देवी देवता शिवरात्रि में पहुंच जाएंगे, जिसके बाद 27 फरवरी से यह देवी-देवता एक हफ्ता लगातार पड्डल मैदान में भक्तों को अपना आर्शिवाद देंगे."सर्व देवता समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा ने बताया कि महोत्सव के दौरान किसी भी तरह की विघ्न उत्पन्न ना हो, इसके लिए भी सभी देवी-देवताओं से प्रार्थना की गई है.
छोटी काशी मंडी में शिवरात्रि महोत्सव की धूम (ETV Bharat)
शिवरात्रि महोत्सव की बागडोर संभालता है जिला प्रशासन
रियासत काल में जनपद में शिवरात्रि महोत्सव की कमान राज परिवारों के हाथों होती थी. आजादी के बाद धीरे-धीरे सभी देशी रियासतों का विलय भारत में हो गया और राजाओं का राज पाठ भी समाप्त हो गया. राजाओं के राजपाठ की समाप्ति के बाद आज इस शिवरात्रि महोत्सव की बागडोर जिला प्रशासन के हाथों में है. जिले में सर्व देवता समिति के पास 216 देवी-देवता पंजीकृत हैं. इनमें से 200 के करीब देवी-देवता शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करते हैं.
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव (ETV Bharat)
सीएम करेंगे शिवरात्रि महोत्सव के मेले का शुभारंभ
इस बार छोटी काशी मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 27 फरवरी से 5 मार्च मार्च तक मनाया जा रहा है. 27 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले का विधिवत शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा किया जाएगा. इसी दिन पहली शाही जलेब यानि शोभायात्रा निकाली जाएगी. जिसमें जनपद के प्रमुख देवी-देवता शिरकत करते हैं. पहली जलेब यानी शोभायात्रा की अगवानी सीएम के द्वारा की जाएगी. राज माधव राय मंदिर परिसर से पड्डल मैदान तक यह जलेब निकाली जाएगी. मंडी में होने वाले इस महोत्सव के दौरान तीन प्रमुख जलेब निकाली जाती है. मध्य व दूसरी जलेब 2 मार्च व अंतिम जलेब 5 मार्च को निकाली जाएगी. अंतिम जलेब में महामहिम राज्यपाल शिकरत कर, मेले का विधिवत समापन करेंगे. साथ ही तीन प्रमुख जलेब के अलावा शिवरात्रि के दिन राज माधव राय मंदिर परिसर से बाबा भूतनाथ मंदिर तक लघु जलेब यानी शोभायात्रा भी निकाली जाएगी. इस महोत्सव के दौरान 6 सांस्कृतिक संध्याएं भी आयोजित होंगी, जिसमें हिमाचली, पंजाबी, लोक कलाकार अपनी गायकी का जादू बिखेरेंगे.
सैकड़ों देवी-देवता करते हैं महोत्सव में शिरकत
मंडी में होने वाले शिवरात्रि महोत्सव के दौरान जनपद के सैकड़ों देवी-देवता शिरकत करते हैं. प्रशासन के द्वारा सभी 216 पंजीकृत देवी देवताओं को निमंत्रण दे दिया गया है. इसके अलावा इतने ही गैर पंजीकृत देवी-देवता महोत्सव में शिरकत करने के लिए पहुंचते हैं और महोत्सव की शोभा का बढ़ाते हैं. इस दौरान देवी-देवताओं के आगमन से पूरा मंडी शहर थिरकने लगता है और यह नजारा एक सप्ताह तक बना रहता है.