फिरोजाबाद:अपने भगवान भोलेनाथ के मंदिर और उनके चमत्कारों के बारे में खूब सुना होगा. आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में आपको जानकारी देंगे, जिसका पौराणिक महत्व है. मंदिर के महंत लवकुश महाराज का कहना है कि महाभारत काल में राजा शांतुन ने इसकी स्थापना करायी थी. आज यहां भक्तों की काफी भीड़ रहती है. महाशिवरात्रि के मौके पर यहां विशाल मेला भी लगता है. यहां कांवड़ भी चढ़ाया जाता है. इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां भी प्रचलित हैं. मान्यता है इस मंदिर में शिवलिंग को शर्त के साथ आज तक कोई बाहों में नहीं भर सका.
फिरोजाबाद शहर से पांच किलोमीटर दूर जसराना तहसील के गांव सांती स्थित इस मंदिर को शांतेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर के बारे में महाभारत से जुड़ी कहानी बतायी जाती है. इसका पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व भी है. मंदिर से जुड़े महंत और इतिहासकार बताते है कि इस मंदिर का निर्माण भीष्म पितामह के पिता शांतुन जी महाराज ने कराया था. शांतुन जी महाराज इसी स्थान पर रहकर पूजा अर्चना करते थे.
इसे भी पढ़ें -महादेव को क्यों बेहद प्रिय है बेलपत्र, महाशिवरात्रि पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधान क्या है जानिए - MAHASHIVRATRI 2025
जमीन से निकला शिवलिंग: कहा जाता है कि इस स्थान पर एक गाय प्रतिदिन आती थी और उसका दूध अपने आप इसी स्थान पर उतरता था. इसके अलावा एक सर्प भी यहां आता था. शांतुन महाराज ने इस स्थान को चमत्कारिक मानते हुए इस स्थान की खुदाई करायी, तो जमीन से एक शिवलिंग निकला. राजा ने इस स्वयं भू शिवलिंग के स्थान पर एक मंदिर का निर्माण कराया, जो आज भी मौजूद है. बाद में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया.
आज इस मंदिर पर मेले भी होते हैं. सावन माह के अलावा महाशिवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में शिवभक्त बाबा भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं और कांवड़ भी चढ़ाते हैं. कांवड़ यात्रा पर जाने से पहले भी शिवभक्त भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आते हैं. बाद में इसी मंदिर पर ही कांवड़ चढ़ाते हैं.
मंदिर के महंत बाबा लवकुश महाराज का कहना है, इस मंदिर के बारे में उनके पूर्वजों ने बताया है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में राजा शांतुन ने कराया था. आज भी यहां तमाम चमत्कार देखने को मिलते है. उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति इस शिवलिंग को शर्त लगाकर बाहों में नहीं भर सकता है. यहां बड़ी संख्या में दूर-दराज से श्रद्धालु आते है. कहते हैं लोगों की मनोकामना भगवान भोलेनाथ की कृपा से पूरी होती है.
यह भी पढ़ें -काशी में महाशिवरात्रि ; बनारस आ रहे हैं तो रखें इन बातों का ख्याल, पार्किंग और रहने-खाने की निः शुल्क व्यवस्था - MAHASHIVRATRI IN VARANASI