महासमुंद:महासमुंद लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ की सबसे पुरानी लोकसभा सीट है. इस क्षेत्र में कभी कांग्रेस का दबदबा था. लेकिन बीते डेढ़ दशक से बीजेपी ने यहां पर कब्जा जमा रखा है, बीते तीन लोकसबा चुनाव में बीजेपी ने यहां पर लगातार जीत दर्ज की है. कांग्रेस इस सीट पर इस बार वापसी करने की कोशिश करेगी. महासमुंद से इस बार बीजेपी ने रुपकुमारी चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस ने ताम्रध्वज साहू को मैदान में उतारा है. रूपकुमारी चौधरी महासमुंद के बसना की रहने वाली हैं और वह यहां साल 2013 में विधायक भी रह चुकी हैं.
महासमुंद का सियासी इतिहास:महासमुंद को छत्तीसगढ़ की राजनीति का प्रमुख केंद्र माना जाता है. यहां से कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल सात बार सांसद रहे. श्यामा चरण शुक्ल और अजीत जोगी जैसे दिग्गज कांग्रेस नेता भी महासमुंद लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. लेकिन उसके बाद साल 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के चंदूलाल साहू ने कांग्रेस से ये सीट छीन ली. उसके बाद से बीजेपी यहां रेस में आ गई. हालांकि 1999 और 2004 में कांग्रेस की यहां पर जीत हुई. लेकिन उसके बाद से लगातार बीजेपी का इस सीट पर कब्जा है.
महासमुंद सीट का संसदीय इतिहास
- 1952 में कांग्रेस के शिवदास डागा ने जीत दर्ज की.
- 1962 में कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल सांसद बने.
- 1967 में फिर कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल जीते.
- 1971 में कांग्रेस के कृष्णा अग्रवाल की जीत मिली.
- 1977 में बीएलडी के बृजलाल वर्मा को जीत मिली.
- 1980 में कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल फिर सांसद बने.
- 1984 में कांग्रेस से विद्याचरण शुक्ल चौथी बार सांसद बने.
- 1989 में कांग्रेस से विद्याचरण शुक्ल पांचवी बास सांसद बने.
- 1991 में कांग्रेस के पवन दीवान जीते.
- 1996 में फिर कांग्रेस के पवन दीवान को जीत मिली.
- 1998 में बीजेपी के चंद्रशेखर साहू जीते.
- 1999 में कांग्रेस के श्यामा चरण शुक्ला की जीत हुई.
- 2004 में कांग्रेस के अजीत जोगी की जीत हुई.
- 2009 में बीजेपी के चंदूलाल साहू ने जीत दर्ज की.
- 2014 में बीजेपी के चंदूलाल साहू ने दोबारा जीत दर्ज की.
- 2019 में बीजेपी के चुन्नीलाल साहू ने जीत हासिल की.