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महाकुंभ में हुआ संविधान गैलरी का उद्घाटन, श्रद्धालुओं को सरल भाषा में संवैधानिक अधिकारों की मिलेगी जानकारी - CONSTITUTION GALLERY

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रयागराज में संविधान गैलरी का उद्घाटन किया.

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महाकुंभ में संविधान गैलरी (pic credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 16, 2025, 6:41 PM IST

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गुरुवार को संविधान गैलरी का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह गैलरी महाकुंभ में आने वाले लोगों को संविधान में दिए गए अधिकारों और कर्तव्यों को समझने का अनूठा अवसर प्रदान करेगी. इसके अलावा गैलरी में संविधान को सरल और प्रभावी ढंग से समझाने के लिए उन्नत डिजिटल उपकरण और इंटरैक्टिव डिस्प्ले लगाए गए हैं.

महाकुंभ मेले में इस गैलरी का उद्देश्य लोगों को संविधान के मूल सिद्धांतों और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूक करना है. संविधान गैलरी महाकुंभ नगर में एक विशेष आकर्षण के रूप में शामिल है. जहां श्रद्धालु आध्यात्मिकता के साथ संवैधानिक ज्ञान का अनुभव कर सकेंगे. यह गैलरी सभी वर्गों के लिए संविधान की महत्ता और इसके संरक्षण के प्रति प्रेरणा का स्रोत बनेगी.

उद्घाटन समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने कहा कि संविधान से सारे देश का संचालन होता है. कोई भी समाज संविधान और विधियों के बिना नहीं चलता है. संविधान गैलरी जैसे प्रयासों से नई पीढ़ी को इससे अवगत कराने में मदद मिलेगी. मुझे आशा है कि ऐसे प्रयत्न आगे भी चलते रहेंगे.

महाकुंभ में संविधान गैलरी का उद्घाटन (video credit; ETV Bharat)
मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विश्वविख्यात समागम में इस गैलरी को आयोजित कर यह प्रयास किया गया है कि मेले में आने वाले लोगों को संविधान के निर्माण, लागू होने और इसके अनुच्छेद के बारे में जानकारी हो.

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ऑडियो के माध्यम से आप विषय के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल कर सकते हैं. संविधान ऐसा दस्तावेज है, जिससे हमारी पूरी शासन व्यवस्था संचालित होती है. संविधान में संशोधन की प्रक्रिया दी गई है, जिससे समाज की आवश्यकता के अनुसार इसमें संशोधन किया जा सके. हमारी सरकार ने जन भावनाओं के अनुसार इसमें संशोधन किया. एक पार्टी ने लगातार 55 वर्षों तक निजी हितों के लिए संविधान में संशोधन किए. इन लोगों ने संविधान की मूल भावना को बदल दिया.

इस मौके पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अध्यक्ष डॉ आशीष गौतम ने कहा कि आज कल संविधान की प्रतियां मंच पर खूब लहराई जाती है. उनके घर में संविधान की मूल प्रति भी नहीं होगी. उन्होंने संविधान पढ़ा भी नहीं होगा. इसकी पहली प्रति हाथ से लिखी गई थी. एक प्रति हिंदी में लिखी गई थी और एक प्रति अंग्रेजी में लिखी गई थी. संविधान गैलरी में लगी प्रदर्शनी में चित्रों और प्रतिकृतियों के माध्यम से भारतीय संविधान के निर्माण से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं, दस्तावेजों और व्यक्तित्वों के योगदान के बारे में जानकारी प्रदर्शित की गई है. यहां ऑडियो के माध्यम से संविधान सभा की बहसों को प्रस्तुत किया जा रहा है.

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