प्रयागराज: मकर संक्रांति यानी 13 जनवरी के दिन से प्रयागराज में महाकुंभ 2025 शुरू हो रहा है. 26 फरवरी तक संगम की रेती पर दिव्य, भव्य और अलौकिक संसार जीवंत रहेगा. 15 किलोमीटर के घेरे में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला तकरीबन 45 दिन चलेगा. मेले के शुभारंभ से पहले ईटीवी भारत आपको कुंभ और महाकुंभ की पौराणिक कथाएं सुना रहा है.
ईटीवी भारत की इस खास पेशकश की पहली कड़ी में हमने आपको ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज की जुबानी समुद्र मंथन की कहानी सुनाई. अब दूसरी कड़ी में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती प्रयागराज कुंभ के महत्व को बता रहे हैं.
अथ श्री महाकुंभ कथा पार्ट-2 में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज कहते हैं कि प्रयाग जैसे नाम से पता चलता है कि राजा है, तीर्थों का राजा है. एक सामान्य व्यक्ति के यहां उत्सव होगा और एक राजा के यहां उत्सव हो तो उसमें अंतर होता ही है. इसलिए कुंभ जब प्रयागराज में होता है तो पूरे राजसी ठाट-बाट के साथ होता है.