उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

महाकुंभ 2025: लाव लश्कर के साथ शाही अंदाज में जूना अखाड़े ने किया नगर प्रवेश - MAHAKUMBH 2025

गाजे बाजे और हाथी घोड़ा पर सवार हजार से अधिक साधु संतों ने निकाली नगर भ्रमण यात्रा, किन्नर अखाड़ा भी हुआ शामिल

Etv Bharat
जूना अखाड़े का नगर प्रवेश (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 3, 2024, 7:29 PM IST

Updated : Nov 3, 2024, 9:43 PM IST

प्रयागराज:महाकुंभ 2025 की शुरुआत भव्य शुरूआत सबसे बड़े जूना अखाड़े के नगर प्रवेश के साथ हो गई है. गाजेबाजे और घोड़े हाथी के साथ नगर प्रवेश किया गया. इस दौरान अखाड़े से जुड़े देश-विदेश से आए साधु संत शामिल हुए. पूरे विधि विधान से पूजन अर्चना के बाद ये नगर भ्रमण यात्रा निकली. किन्नर अखाड़ा भी शामिल हुआ.

जूना अखाड़े के एक हजार से अधिक संत, संन्यासी और महंत, रमता पंच और मढ़ियों के प्रमुख शाही अंदाज में कुंभ के लिए प्रस्थान किया. इनके साथ घोड़ा, हाथी, ऊंट, बग्घी और रथ के साथ साथ गाजे बाजे के साथ शामिल हुए. इसी दिन देश विदेश से आए संत भी प्रयागराज में नगर प्रवेश किया. श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि, कुंभ महापर्व तीन नवंबर से फरवरी तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश से लाखों संत और करोडों भक्त भाग लेंगे.

जूना अखाड़े ने निकाली यात्रा (Video Credit; ETV Bharat)

महाकुंभ के दौरान किसी प्रकार का कोई विघ्न ना आए और किसी को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए रविवार को ही श्री पंच दशनाम जूना अखाडे़ की ओर से शनिदेव, यमुना और धर्मराज का पूजन किया गया. नगर प्रवेश यात्रा रामापुर से शुरू होकर श्री मौजगिरिश्री पंच दशनाम अखाडे़ तक पहुची. जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि के निर्देशन में नगर प्रवेश यात्रा में रमता पंच, श्री पंच, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, जूना अखाड़ा, अखाड़ा परिषद सहित कई अखाड़ों के संत शामिल हुए.

जूना अखाड़े में शामिल किन्नर अखड़ा भी अपने संतों के साथ शामिल हुआ. इस दौरान पूरी विधि विधान से पूजा अर्चना की जूना अखाड़े के संरक्षक हरि गिरि ने किन्नर और उनके महामंडलेश्व का स्वागत किया.

अखाड़ा परिषद के फैसले का विरोध

बरेली:वहीं महाकुंभ मेले में मुसलमान के दुकान न लगाने देने के अखाड़ा परिषद के फैसले पर बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने विरोध जताया है. रजवी ने कहा कि, अखाड़ा परिषद का ये फैसला करोड़ों देशवासियों और अमन पसंद शहरियों के मन को तकलीफ पहुंचाने वाला है. इस तरह के फैसले होंगे, समाज टूटने की कगार पर आ जाएगा और अगर समाज टूटा तो यह देश के लिए नुकसान साबित होगा. उत्तर प्रदेश सरकार को अखाड़ा परिषद पर लगाम लगाते हुए इस फैसले को वापस कराना चाहिए.


यह भी पढ़ें :जूना अखाड़ा कितना बड़ा, कितने नागा साधु जुड़े, कौन से हथियार लेकर चलते, कैसे करेंगे महाकुंभ में प्रवेश?

Last Updated : Nov 3, 2024, 9:43 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details