प्रयागराज:महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए खास तैयारी चल रही है. मेला प्रशासन इसके लिए हर सेक्टर में अस्थाई अस्पताल बना रहा है. वहीं, प्रयागराज के छतनाग झूंसी स्थित एक्यूप्रेशर शोध संस्थान और शहर के मिंटो रोड स्थित एक्यूप्रेशर चिकित्सा केंद्र पर सेवा कर्मियों की टीम तैयार की जा रही है. ये टीम महाकुंभ मेले में एक्यू एनर्जी और प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए निःशुल्क सेवा देगी. साथ ही देश की प्राचीन प्राकृतिक चिकित्सा सेवा के बारे में भी बताएगी.
बिना दवा के होगा इलाज: प्रयागराज में होने वाले माघ मेले और महाकुंभ मेले में हर वर्ष प्रयागराज स्थित एक्यूप्रेशर शोध और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के द्वारा लगने वाले शिविर में प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए श्रद्धालुओं का उपचार किया जाता है. बगैर किसी दवा और इंजेक्शन के होने वाले इस इलाज से बड़ी संख्या में श्रद्धालु लाभान्वित होते है. साथ ही इस विधा से परिचित होते है. इस बार महाकुंभ मेले में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आने का अनुमान है.
शोध व चिकित्सा एक्यूप्रेशर के निदेशक अनिल द्विवेदी ने दी जानकारी (Video Credit- ETV Bharat) एक्यूप्रेशर संस्थान के निदेशक अनिल द्विवेदी ने बताया कि लगभग तीन महीने चलने वाले मेले में श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य की समस्या हो सकती है. इसके अलावा बीपी, शुगर, माइग्रेन, अनिद्रा जैसी बीमारी आदमी के जीवन में तेजी से पांव पसार रही है. उसके नियंत्रण में एक्यूप्रेशर बड़ी सफलता हासिल हुई है. इसको देखते हुए संस्थान मेले में सेवा देने वाले एक्यूप्रेशर प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज की टीम तैयार कर रहा है.
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हर सेक्टर में होगी तैनाती:एक्यूप्रेशर शोध संस्थान के निदेशक अनिल द्विवेदी के मुताबिक एक्यूप्रेशर के लगने वाले शिविर में 24 घंटे सेवा देने वाले विशेषज्ञ तैनात रहेंगे. इनकी संख्या लगभग 300 से अधिक है, जो प्राकृतिक चिकित्सा व एक्यूप्रेशर के जानकर हैं.
केंद्रीय मंत्री और साधु संत है मुरीद:प्रयागराज स्थित एक्यूप्रेशर शोध सस्थान के द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए की जा रही सेवा को लेकर भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री मुरीद हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैश्वनव और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट स्तर के मंत्री ने एक्यूप्रेशर विधा को सराहा है. यही नहीं कथा वाचक मोरारी बापू और अलग-अलग शिविर में रहने वाले साधु संत भी एक्यूप्रेशर चिकित्सा से लाभान्वित हुए है.
इससे होता है इलाज:एक्यूप्रेशर के इलाज में मरीज को किसी भी प्रकार की अंग्रेजी दवा या इंजेक्शन नहीं दिया जाता है. बल्कि रोगों से जुड़ी नसों के ऊपर शरीर में सामान्य रूप से उपचार करनें के लिए मेथी, मटर एवं चना के दाने एवं रंगो से उपचार किया जाता है. इसके अलावा कुछ मामलों में मैग्नेट का भी प्रयोग किया जाता है. इसके माध्यम से बीपी, माइग्रेन, लकवा किडनी के रोग और हृदय संबंधी बीमारियों में भी लाभ मिला है.
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