प्रयागराज:महाकुम्भ नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से महापर्व की शुरुआत होनी है. महाकुंभ में संन्यासियों और वैरागी और उदासीन अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा के बीच अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर भी छावनी प्रवेश कर रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि शाही अंदाज में यात्रा निकालते हुए मेला क्षेत्र में प्रवेश किया. शहर के मेडिकल कॉलेज चौराहे के पास से उनकी छावनी यात्रा शुरू होकर मेला के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए महाकुम्भ में पहुंची है.
महाकुम्भ मेला क्षेत्र में संन्यासी वैरागी और उदासीन अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा निकल रही है. अभी तक संन्यासी और वैरागी अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा निकल चुकी है, जबकि उदासीन परम्परा के दो अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा भी 11 और 12 जनवरी को निकलेगी. शुक्रवार को मंगल मुहूर्त के बीच श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज ने राजसी अंदाज में रथ पर सवार होकर मेला क्षेत्र में प्रवेश किया. उनकी शोभायात्रा मेला क्षेत्र में जाने के लिए जिस रास्ते से गुजर रही है, उन रास्तों पर सड़क किनारे तमाम लोग खड़े होकर उनका दर्शन कर उनसे आशीर्वाद ले रहे हैं.
श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि की छावनी प्रवेश यात्रा में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी भी शामिल थे. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर की प्रवेश यात्रा में अखाड़े के संत-महंत, संन्यासी शामिल होकर उनकी अगवानी कर उनका सम्मान करते हैं. जिस भी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर छावनी प्रवेश यात्रा के जरिये मेला क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, उनके स्वागत में अखाड़ों के संत महंत शामिल होते हैं.