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महाकुंभ 2025; आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने मेला क्षेत्र में किया प्रवेश, निकली भव्य शोभायात्रा - MAHA KUMBH MELA 2025

श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य हैं, उदासीन परम्परा के दो अखाड़ों की छावनी यात्रा भी 11-12 जनवरी को निकलेगी

कैलाशानंद की निकली शोभायात्रा.
कैलाशानंद की निकली शोभायात्रा. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 10, 2025, 7:58 PM IST

प्रयागराज:महाकुम्भ नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से महापर्व की शुरुआत होनी है. महाकुंभ में संन्यासियों और वैरागी और उदासीन अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा के बीच अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर भी छावनी प्रवेश कर रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि शाही अंदाज में यात्रा निकालते हुए मेला क्षेत्र में प्रवेश किया. शहर के मेडिकल कॉलेज चौराहे के पास से उनकी छावनी यात्रा शुरू होकर मेला के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए महाकुम्भ में पहुंची है.

कैलाशानंद की निकली शोभायात्रा. (Video Credit; ETV Bharat)

महाकुम्भ मेला क्षेत्र में संन्यासी वैरागी और उदासीन अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा निकल रही है. अभी तक संन्यासी और वैरागी अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा निकल चुकी है, जबकि उदासीन परम्परा के दो अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा भी 11 और 12 जनवरी को निकलेगी. शुक्रवार को मंगल मुहूर्त के बीच श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज ने राजसी अंदाज में रथ पर सवार होकर मेला क्षेत्र में प्रवेश किया. उनकी शोभायात्रा मेला क्षेत्र में जाने के लिए जिस रास्ते से गुजर रही है, उन रास्तों पर सड़क किनारे तमाम लोग खड़े होकर उनका दर्शन कर उनसे आशीर्वाद ले रहे हैं.

श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि की छावनी प्रवेश यात्रा में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी भी शामिल थे. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर की प्रवेश यात्रा में अखाड़े के संत-महंत, संन्यासी शामिल होकर उनकी अगवानी कर उनका सम्मान करते हैं. जिस भी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर छावनी प्रवेश यात्रा के जरिये मेला क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, उनके स्वागत में अखाड़ों के संत महंत शामिल होते हैं.

बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी निरंजनी अखाड़े के सचिव भी हैं. उनके साथ इस छावनी प्रवेश यात्रा में उनके शिष्य और संत भी शामिल थे. वहीं आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद सरस्वती की छावनी प्रवेश यात्रा जिस रास्ते से गुजरी, उन रास्तों पर लोग खड़े होकर पुष्पवर्षा कर उनसे आशीष मांग रहे हैं.

श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा:अभी तक मेला क्षेत्र में 7 अखाड़ों के साथ ही तीन अनी अखाड़ों का छावनी प्रवेश हो चुका है. शुक्रवार को तीन उदासीन अखाड़ों में से एक श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा निकाली गई. जिसमें नया उदासीन अखाड़े से जुड़े साधु संत और महंत महामंडलेश्वर शामिल थे. संन्यासियों और वैरागी अखाड़ों की तरह ही उदासीन अखाड़े के संत राजसी अंदाज में महाकुंभ में प्रवेश करने पहुंचे.

श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन की छावनी प्रवेश यात्रा मुट्ठीगंज इलाके के मुंशी राम की बगिया से धूमधाम से निकाली गई. पेशवाई में जहां सबसे आगे अखाड़े के ध्वज थे, वहीं उसके पीछे अखाड़े के ईष्टदेव भगवान शिव के अवतार भगवान श्रीचंद्र जी की पालकी चल रही थी. उसके पीछे अखाड़े के नागा संन्यासी जिन्हें उदासीन परंपरा में निर्वाण कहा जाता है, वो भी चल रहे थे. उदासीन परंपरा के दोनों अखाड़ों बड़ा उदासीन और नया उदासीन के इष्ट देव भगवान श्रीचंद्र जी ही हैं जो कि गुरु नानक देव जी के बड़े पुत्र हैं.

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