प्रयागराज :स्वामी कैलाशानंद गिरि के आश्रम में रहकर पहले शाही स्नान में रथ पर बैठने के बाद विवादों में घिरी सोशल मीडिया क्वीन हर्षा रिछारिया कुंभ में बनी रहेंगी. इस बात की तो घोषणा उन्होंने कर दी, लेकिन वह हैं कहां, अब तक यह चर्चा का विषय बना हुआ है. बहरहाल हर्षा के एक करीबी मित्र दीपक सारस्वत की अचानक दस्तक से कौतूहल जरूर बढ़ गया है. ग्वालियर निवासी दीपक गुरुवार रात अचानक कुंभ में पहुंचे और ईटीवी भारत से बातचीत में हर्षा रिछारिया को लेकर तमाम दावे किए.
दीपक का दावा है कि 2015-16 से वह हर्षा के अच्छे दोस्त थे, लेकिन अचानक हर्ष ने उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट और मोबाइल से ब्लॉक कर दिया. ब्लॉक क्यों किया मुझे नहीं पता, क्योंकि हमारे बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ. वह मेरी अच्छी दोस्त है. हमारी मुलाकात मुंबई में हुई थी. हर्षा वहां एंकर का काम करती थी. कोई फिल्म नहीं की थी, लेकिन एलबम में एक दो जगह काम किया था, लेकिन हमारा संपर्क अचानक से टूट गया. जब हर्षा के सनातन धर्म से जोड़कर संन्यासी बनने की जानकारी हुई तो आश्चर्य हुआ.
खुद को साध्वी बताना सनातन धर्म का अपमान :दीपक का कहना है कि हर्षा इस पूरे प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रही है. वह खुद को सनातनी बताकर बिग बॉस या फिर किसी बड़े सीरियल या फिल्म में काम करने के लिए खुद को फेमस कर रहीं हैं. आप सब कीजिए.. साधु सन्यासियों की संगत में रहिए, लेकिन खुद को साध्वी बताना अपमान है. भगवा वस्त्र पहनकर टीका लगाकर साधु संतों के साथ बैठकर ऐसी-ऐसी बातें करना जो आपकी पर्सनालिटी को सूट नहीं कर रही हैं. यह मुझे बड़ा अजीब लगा. अगर यही चलता रहा तो सनातन की जो सुंदरता है जो असली धार्मिक परंपरा है वह कहीं ना कहीं खो रही है. कुंभ आस्था का विषय है. लोग इसके आने का इंतजार करते हैं. मैं 2019 में इस आयोजन में आया था और मैं यहां मन्नत मांगी थी कि जो कार्य सिद्ध होगा तो मैं यहां आऊंगा. वह कार्य सिद्ध हो गया. इसलिए मैं आज यहां गंगा स्नान करने आया हूं.
हर्षा की दीक्षा पर सवाल : दीपक ने कहा कि धर्म में तो स्कोप है, लेकिन यह लोग वहां नहीं जाएंगे, क्योंकि सनातन धर्म के लोग बहुत भोले हैं. यहां के लोग पवित्र हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं कि कोई कुछ बोले किसी को फर्क नहीं पड़ता. दीपक ने हर्षा के दीक्षा दिए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी जटाएं तो असली है ही नहीं, उन्होंने वह बनवाई हैं वह आर्टिफिशियल हैं. कोई मॉडल एक्टर सनातनी नहीं हो सकता, यह मैं नहीं कह रहा, लेकिन वह साध्वी कैसे बनी? यह सवाल है. मैं यह भी नहीं कह रहा हूं कि कोई साध्वी नहीं बन सकता, लोग बड़े-बड़े प्रोफेशन में होकर भी साधु संत बन जाते हैं.