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झांसी में काशी की तर्ज पर पंहूज नदी की महाआरती, शंखनाद के साथ गूंजे जय श्रीराम के नारे

यूपी के झांसी जिले में शुक्रवार को पंहूज नदी के बिगड़ते स्वरूप और बढ़ती गंदगी (Maha Aarti of Panhuj River) से बचाने के लिए महाआरती हुई. इस दौरान जय श्रीराम के जयकारे लगाये गये और लोगों ने दीपोत्सव मनाया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 20, 2024, 10:42 AM IST

झांसी : जिले में दुर्गा उत्सव महासमिति के तत्वावधान में शंखनाद व घंटे घड़ियालों के मधुर स्वरों के बीच पंहूज (प्राचीन नाम पुष्पावती) नदी की भव्य महाआरती हुई. महाआरती का उद्देश्य पंहूज नदी के बिगड़ते स्वरूप और बढ़ती गंदगी से बचाने का है. इस दौरान जय श्रीराम के जयकारे लगाये गये और लोगों ने दीपोत्सव मनाया. कार्यक्रम में सांसद, विधायक, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया.

शंख गूंजे, जय सियाराम के लगे जयकारे :गंगा संरक्षण अभियान एवं अयोध्या धाम में श्रीराम जन्म भूमि पर बने भव्य मन्दिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में हो रहे भव्य कार्यक्रम में काशी के विद्वान व झांसी के समस्त धर्मगुरु शामिल हुए. नंदनपुरा स्थित मा पंहूज नदी के घाट पर शुक्रवार रात श्री राम की महिमा के मधुर भजन कलाकारों ने गाये और श्री गणेश वंदना की. कलाकारों ने भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रुप में तथा सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, कलियुग पर आधारित आकर्षक नृत्य किया. समिति के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि पंहूज नदी के बिगड़ते स्वरूप को बचाने और नदियों को साफ रखने की जागरूकता के लिए यह महाआरती का आयोजन रखा गया है.

'नदियों को उजड़ने और गंदा होने से बचाना है' :पूर्व मंत्री प्रदीप जैन ने कहा कि नदी हमारी मां होती है. जैसे मां अपनी कोख में हमे रखती है और अपने आंचल के तले हमें पालती है, वैसे ही नदियां भी हमें जीवन देती हैं. हम सभी को मिलकर नदियों को उजड़ने और गंदा होने से बचाना है, जिसके लिए आज सभी झांसी वासियों ने संकल्प लिया है. आयोजन में शामिल हुए झांसी सांसद अनुराग शर्मा ने जल ही जीवन पर बल देते हुए कहा कि जल है तो कल है. पूरा देश राममय हो चुका है. भगवान राम का भव्य मंदिर बनने से सभी जगह आयोजन हो रहे हैं. झांसी में भी पंहुज नदी पर प्रभु राम के आगमन पर भव्य आरती का आयोजन किया गया. झांसी का काशी से पहले से ही पुराना रिश्ता रहा है. क्योंकि हमारी महारानी वीरांगना लक्ष्मीबाई काशी से ही थीं, इसलिए आज काशी की तर्ज पर पंहुज नदी पर सभी ने मिलकर महाआरती की. इस आयोजन से हमारी संस्कृति को बढ़ावा मिला है और अब लगातार इस आयोजन को जारी रखा जायेगा. आयोजकों का उद्देश नदियों को बचाने का है. जिसमें आज इतने लोगों ने शामिल होकर दिखा दिया की झांसी की जनता जागरूक है.

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