मधुबनीःलोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के दौरान 20 मई को मधुबनी लोकसभा सीट पर वोटिंग होगी. जाहिर है चुनाव प्रचार अब अंतिम दौर में है. बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम नीतीश कुमार सहित कई बड़े नेता चुनावी सभाएं कर चुके हैं तो अली अशरफ फातमी के लिए भी आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन के कई नेता लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं. इसके साथ ही मधुबनी लोकसभा सीट पर जीत-हार की तमाम रणनीतियां भी आकार होने लगी हैं, तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं मधुबनी लोकसभा सीट का इतिहास और ताजा समीकरण.
मधुबनी सीट का इतिहासः1976 से पहले ये लोकसभा सीट जयनगर लोकसभा सीट के नाम से जानी जाती थी. पुनर्गठन के बाद 1977 में हुए पहले चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर हुकुमदेव नारायण यादव ने इस सीट से जीत दर्ज की थी. कभी कांग्रेस और कम्युनिस्टों के गढ़ के रूप में मशहूर मधुबनी लोकसभा सीट पर अब बीजेपी का सिक्का चलता है.
रिकॉर्ड वोट से जीते अशोक यादवः 2019 के लोकसभा चुनाव में तो बीजेपी के अशोक यादव ने 4 लाख 54 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल कर बिहार में सबसे अधिक अंतर से जीतने का रिकॉर्ड बनाया था. वहीं उनके पिता और बीजेपी नेता हुकुमदेव नारायण यादव के नाम पर मधुबनी से सबसे ज्यादा 5 बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी है.
NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्करः बिहार की अधिकतर सीटों की तरह मधुबनी लोकसभा सीट पर भी NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है. NDA ने बीजेपी के मौजूदा सांसद अशोक यादव को फिर से मैदान में उतारा है तो महागठबंधन की ओर से आरजेडी के अली अशरफ फातमी इस बार चुनौती पेश कर रहे हैं. चुनाव से ठीक पहले फातमी ने जेडीयू को बाय-बाय बोलकर आरजेडी ज्वाइन की थी.
बीजेपी का मजबूत किला बन चुका है मधुबनीःपिछले कुछ चुनावों पर नजर डालें तो मधुबनी लोकसभा सीट बीजेपी का अभेद्य दुर्ग बन चुकी है.बीजेपी ने सबसे पहले 1999 के लोकसभा चुनाव में मधुबनी सीट से जीत दर्ज की, हालांकि 2004 में यहां बीजेपी की हार हुई लेकिन उसके बाद से बीजेपी यहां जीत की हैट्रिक लगा चुकी है और अब लगातार चौथी जीत की तैयारी कर रही है.
मधुबनी लोकसभा सीटः2009 से अब तकःइस सीट से 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव ने आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी को हराकर जीत दर्ज की. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी हुकुमदेव नारायण और अब्दुल बारी सिद्दीकी आमने-सामने थे और इस बार भी नतीजा दोहराते हुए हुकुमदेव ने मधुबनी में कमल खिलाया. 2019 में बीजेपी ने जीत की हैट्रिक लगाई और इस बार हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र अशोक यादव ने वीआईपी के बद्री कुमार पूर्वे को 4 लाख 54 हजार से अधिक मतों के अंतर से मात दी.
मधुबनीःअपनी लोक संस्कृति और पेंटिग के लिए मधुबनी पूरी दुनिया में विख्यात है. मैथिल कोकिल के नाम से प्रसिद्ध कवि विद्यापति का जन्मस्थान भी मधुबनी ही रहा है. 1972 में दरभंगा जिले से अलग होकर मधुबनी को जिले का दर्जा प्राप्त हुआ. मधुबनी को मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है. मधुबनी पेंटिग के जरिये यहां के कई कलाकारों ने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई है.
मधुबनी में 6 विधानसभा सीटः मधुबनी लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. जिनमें केवटी और जाले दरभंगा जिले में हैं जबकि मधुबनी, हरलाखी, बेनीपट्टी, और बिस्फी मधुबनी जिले में हैं. इन 6 सीटों में मधुबनी को छोड़कर 5 सीटों पर NDA का कब्जा है. वहीं मधुबनी सीट पर आरजेडी का कब्जा है.