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Must Watch : पंखे की ठंडी हवा, टेबल पर पैर.. ऑन ड्यूटी खर्राटे मारते मास्टर साहब की कौन तोड़ेगा नींद? - MADHUBANI TEACHER - MADHUBANI TEACHER

MADHUBANI TEACHER: बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग नित नये फरमान जारी कर रहा है, लेकिन शिक्षक हैं कि कह रहे हैं कि हम नहीं सुधरनेवाले हैं. मधुबनी के एक स्कूल का ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक शिक्षक टेबल पर पैर पसारकर आराम से सो रहे हैं, पढ़िये पूरी खबर,

आराम फरमाते मास्टर साहब
आराम फरमाते मास्टर साहब (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 24, 2024, 1:05 PM IST

आराम फरमाते मास्टर साहब का वीडियो वायरल (ETV BHARAT)

मधुबनीःके के पाठक लाख कोशिश कर लें, हम सुधरनेवाले नहीं हैं. तभी तो जब पढ़ाने का समय है तो टेबल पर पैर पसारकर खर्राटे ले रहे हैं. सामने कैमरा आया तो नींद में खलल पड़ी, मास्टर साहब नाराज भी हो गये, लेकिन कैमरे में मास्टर साहबकी मक्कारी कैद हो गयी और अब वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

नींद बड़ी चीज है !:कुर्सी पर बैठे और सामने लगी टेबल पर पैर पसारकर मास्टर साहब जमकर खर्राटे ले रहे हैं. स्कूल में छात्र आ चुके हैं. शोरगुल भी हो रहा है, लेकिन मास्टर साहब को पढ़ाने की बजाय अपनी नींद पूरी कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये वीडियो मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय पिपरौन का है.

मोहन कुमार है शिक्षक का नामःपढ़ाने की बजाय पंखे की ठंडी हवा में आराम फरमा रहे शिक्षक का नाम मोहन कुमार है. मोहन कुमार के कंधों पर बच्चों का भविष्य संवारने की महती जिम्मेदारी शिक्षा विभाग ने सौंपी है. लेकिन बच्चों के भविष्य से मोहन कुमार का क्या लेना-देना उनके लिए तो बच्चों की पढ़ाई से जरूरी है आराम फरमाना.

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने नहीं उठाया फोनःहरलाखी के पिपरौन प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के सोते हुए वीडियो को लेकर जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुनील कुमार तिवारी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गयी तो उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं किया. मतलब साफ है शिक्षक तो शिक्षक, शिक्षा विभाग के अधिकारी भी ऐसी घटनाओं को लेकर आंख मूंदे हुए हैं.

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने दिया जांच का भरोसाः उक्त मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात करने पर उन्होंने जांच का भरोसा दिया. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि "मामला गंभीर है, जांच के बाद तुरंत कार्रवाई की जाएगी. किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा."

सुबह 6 बजे स्कूल में आना अनिवार्यः दरअसल शिक्षा विभाग ने बिहार के सरकारी स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव करते हुए सभी शिक्षकों को सुबह 6 बजे तक स्कूल में पहुंचना अनिवार्य कर दिया है. के के पाठक की सख्ती के कारण शिक्षक सुबह 6 बजे स्कूल तो पहुंच रहे हैं लेकिन बच्चों को पढ़ाने की बजाय नींद ले रहे हैं.

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