कुल्लू: सनातन धर्म में नवरात्री का विशेष महत्व है. मां दुर्गा की अराधना के लिए समर्पित शरादीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे हैं. देशभर के मंदिर माता दुर्गा के स्वागत के लिए सजना शुरू हो गए हैं. माता दुर्गा हर नवरात्री में अपनी अलग-अलग सवारी के साथ आती हैं. हर सवारी के धार्मिक शास्त्रों में अलग-अलग मायने भी लिखे गए हैं. इस साल 3 अक्टूबर को माता दुर्गा शारदीय नवरात्रि पर पालकी में सवार होकर आ रही है.
पालकी में आना शुभ या अशुभ?
आचार्य दीप कुमार का कहना है कि नवरात्री पर माता दुर्गा के पालकी पर सवार होकर आने से इस दुनिया के लिए कोई अच्छा संकेत नहीं माना जाता है. माता दुर्गा जब भी पालकी पर सवार होकर आती हैं, तो इससे देश दुनिया में कई मुश्किल स्थितियां पैदा होती हैं. देश दुनिया में आंदोलन की स्थिति भी बनती है. इसके अलावा लोगों की सेहत भी खराब रहती है और किसी तरह की महामारी फैलने का भी खतरा बना रहता है. उन्होंने बताया कि माता दुर्गा जब पालकी में सवार होकर आती हैं, तो इससे देश में अराजकता की स्थिति बनती है और किसी कारण से हिंसा भी हो सकती है. ऐसे में इन सभी समस्याओं से बचने के लिए भक्तों को पालकी पर सवार होकर आई माता दुर्गा का नवरात्रि के दिनों में विधि-विधान से पूजन करना चाहिए, ताकि माता दुर्गा की कृपा भक्तों पर बनी रह सके.
मां दुर्गा की सवारियां