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लखनऊ ट्रिपल मर्डर : 70 साल का हत्यारोपी लल्लन और बेटा फराज गिरफ्तार, सरेंडर करने की फिराक में थे

लखनऊ ट्रिपल मर्डर के आरोपी लल्लन खान और उसके बेटे फराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उनसे पूछताछ हो रही है. वहीं इससे पहले की छानबीन में सामने आया है कि लल्लन का पाकिस्तान कनेक्शन भी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 4, 2024, 10:09 AM IST

Updated : Feb 4, 2024, 6:35 PM IST

जानकारी देते पुलिस अधिकारी

लखनऊ :पुलिस ने मलिहाबाद में मां-बेटे सहित तीन लोगों की हत्या के आरोपी 70 साल के लल्लन खान और उसके बेटे फराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दोनों से पूछताछ जारी है. इस घटना में सहयोगी आरोपी चालक को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. मुख्य आरोपी लल्लन उर्फ सिराज हिस्ट्रीशीटर रहा है. बताते हैं कि लल्लन और उसका बेटा फराज सरेंडर करने की फिराक में थे, इससे पहले ही पुलिस ने दोनों को दबोच लिया.

लखनऊ में ट्रिपल मर्डर

मालिहाबाद में हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपी बाप बेटे व ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया है. हत्या के तुरन्त बाद दोनों आरोपी उत्तराखंड के रास्ते नेपाल भागने के फिराक में थे. पुलिस की कड़ी नाकाबंदी देख आरोपी मुरादाबाद में अपने रिश्तेदार के घर ठहरे हुए थे. दोनो सरेंडर करने के लिए मुरादाबाद से लखनऊ आ रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. डीसीपी पश्चिम राहुल ने बताया की गैंगस्टर और एनएसए के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. साथ ही अवैध संपत्ति की जांच की जाएगी. इसके अलावा पाकिस्तान और नेपाल कनेक्शन की भी पुलिस जांच पड़ताल कर रही है.

लखनऊ ट्रिपल मर्डर का सीसीटीवी फुटेज.

लखनऊ में ट्रिपल मर्डर की सनसनीखेज वारदात मलिहाबाद के रहमतनगर में शुक्रवार की शाम हुई. यहां पुराने जमीनी विवाद में लेखपाल के द्वारा की गई पैमाइश की कार्रवाई से 70 साल का लल्लन उर्फ सिराज नाराज था. इसी वजह से पुराने हिस्ट्रीशीटर लल्लन और उसके बेटे फराज ने घर में घुसकर फरहीन, बेटे हम्जला और देवर ताज की गोली मारकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि लेखपाल ने पुराने जमीन के विवाद में एसडीएम कोर्ट से केस खारिज होने के बाद फरीद और लल्लन को नोटिस दिया था और जमीन की पैमाइश के लिए बुलाया था. जिस जमीन की पैमाइश होनी थी, उसका मालिक लंदन में रहता है. उस जमीन के बगल में फरीद की जमीन है.

पिछले पांच वर्ष के दौरान जमीन के विवाद में 637 लोगों की हत्याएं हुईं.

जमीनी विवाद बना मौत की वजह: वारदात का खुलासा करते हुए डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने बताया कि मलिहाबाद क्षेत्र में जमीन को लेकर पैमाइश होनी थी. जमीन की पैमाइश करने के किए लेखपाल ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी. इसमे एक पक्ष फरीद अपने चचा मुनीर ऊर्फ ताज और दूसरा पक्ष सिराज ऊर्फ लल्लन खा इसका बेटा फराज और अन्य लोग मौजूद थे. लेकिन वहां पर विवाद के चलते पैमाइश नहीं हो पाई. इसके बाद फरीद, चाचा मुनीर और अन्य अपने लोगों के साथ वापस घर मोहम्मदनगर पहुंच गया.

पिछले पांच वर्ष के दौरान पैसों के विवाद में 637 लोगों की हत्याएं हुईं.

इसके फौरन बाद थार गाड़ी से सिराज अहमद उर्फ लल्लन अपने बेटे फराज अहमद के साथ फरीद के घर पहुंचा. यहां पर विवाद के बाद सिराज उर्फ लल्लन खां और इसके बेटे फराज ने अपनी लाइसेंसी रायफल से पहले बेटे हम्जला खां को गोली मारी. इसके बाद मुनीर और फरहीन को गोली मार कर हत्या कर दी. हत्या के तुरन्त बाद दोनों कार में बैठ कर फरार हो गए. वारदात के तुरन्त बाद पुलिस ने नाकाबंदी कर दी. दोनों कार और रायफल छोड़कर भाग निकले. पुलिस ने इनकी थार गाड़ी और रायफल को कब्जे में ले लिया.

पिछले पांच वर्ष के दौरान अवैध संबंध में 640 लोगों की हत्याएं हुईं.

उत्तराखंड के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में था लल्लन:डीसीपी ने बताया कि घटना को अंजाम देने के तुरंत बाद दोनों उत्तराखंड के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में थे. वारदात के तुरंत पीड़ित परिजनों से बातचीत के दौरान पता चला कि लल्लन पोलैंड आता जाता है. उसका पोलैण्ड का पासपोर्ट भी है. तुरन्त पुलिस ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से बात कर आरोपियो की फोटो भेजी. आरोपी मुरादाबाद में अपने दोस्तों और परिचितों के सम्पर्क में थे. ये दोनों मुरादाबाद के लिए निकल गए और वह उत्तराखण्ड के रास्ते नेपाल भागने की कोशिश में थे.

पिछले पांच वर्ष के दौरान पारिवारिक विवाद में 1739 लोगों की हत्याएं हुईं.

पुलिस दबाव के चलते सरेंडर करना चाहता था लल्लन: पुलिस दबाव के चलते ये लखनऊ में कोर्ट मे सरेंडर की फिराक में थे और मुरादाबाद से लखनऊ सरेंडर करने आ रहे थे तभी दुबग्गा तिराहे के पास इन दोनो सिराज ऊर्फ लल्लन खा, बेटे फराज को दुबग्गा तिराहे से गिरफ्तार किया गया है इनके ड्राइवर अशर्फी को भी गिरफ्तार किया गया है घटना में 5 टीम जिसमें इंस्पेक्टर दुबग्गा अभिनव वर्मा सहित मलिहाबाद, काकोरी, सर्विलांस टीम वा अन्य को लगाया गया था.

पिछले पांच वर्ष में प्रेम प्रसंग में 1996 लोगों की हत्याएं हुईं.

फरहीन आरोपी लल्लन की भतीजी थी:फरहीन आरोपी सिराज उर्फ लल्लन की भतीजी थी. ये आपस में रिश्तेदार हैं. इनके घर में पाकिस्तानी पक्षी रखे थे. सिराज के खिलाफ अलग अलग थानों में 18 मुकदमे दर्ज हैं. इनके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है. साथ ही पासपोर्ट कैंसिलेशन की कार्रवाई भी होगी.

गैंगस्टर व एनएसए तहत की जा रही कारवाई: डीसीपी ने बताया की गैंगस्टर और एनएसए के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. साथ ही अवैध संपत्ति की जांच की जाएगी. इसके अलावा पाकिस्तान और नेपाल कनेक्शन की भी पुलिस जांच पड़ताल कर रही है. एक ही परिवार के तीन लोगों को गोली मार कर मौत के घाट उतारने वाले लल्लन व उसके बेटे फराज को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. हत्या के बाद दोनों आरोपी मुरादाबाद भाग गए थे. दोनों उत्तराखंड के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में थे.

पिछले पांच वर्ष में कुल 22095 लोगों की हत्याएं हुईं.

सनसनीखेज वारदात मलिहाबाद के रहमतनगर में शुक्रवार की शाम हुई थी. यहां जमीन के विवाद में लेखपाल द्वारा की गई पैमाइश से 70 साल का लल्लन उर्फ सिराज नाराज था. इसी वजह से उसने और उसके बेटे फराज ने घर में घुसकर फरहीन, बेटे हंजला और ताज की गोली मारकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि लेखपाल ने पुराने जमीन के विवाद में एसडीएम कोर्ट से केस खारिज होने के बाद फरीद और लल्लन को नोटिस देते हुए जमीन की पैमाइश के लिए बुलाया था. जिस जमीन की पैमाइश होनी थी, उसका मालिक लंदन में रहता है. उस जमीन के बगल में फरीद की जमीन है. मृतक एक ही परिवार के थे और लल्लन के रिश्तेदार भी थे.

लल्लन का पाकिस्तान से नाता, खुफिया एजेंसियां जांच में जुटीं:एक ही परिवार के तीन लोगों को गोलियों से भून देने वाले लल्लन उर्फ सिराज का पाकिस्तान से गहरा नाता है. वह पोलैंड से प्रतिबंधित नस्ल के कुत्तों की तस्करी भी करता था, इसके लिए उसने नेपाल का रास्ता चुन रखा था. अपने काले कारोबार के लिए उसने नेपाल में कई ठिकाने बना रखे थे. पुलिस अब उसके पुराने कारनामों की फेहरिस्त खंगाल रही है. साथ ही पाकिस्तान से कनेक्शन सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां भी पता लगा रही हैं कि देश विरोधी गतिविधियों में इसकी संलिप्तता तो नहीं है.

बचपन से ही बिगड़ैल मिजाज का था लल्लन खान:लल्लन खान के रवैये से परिवार नाखुश रहता था. लल्लन बचपन से ही बिगड़ैल मिजाज का था. तीन भाइयों और पांच बहनों में सबसे छोटा था. उसने मलिहाबाद का पुश्तैनी मकान छोड़कर राजधानी दुब्बगा में घर बना लिया था. कई दशक तक एक राजनीतिक पार्टी से उसका बेहद करीबी नाता रहा. इसकी वजह से उसे जुर्म करने में कभी हिचक नहीं हुई. 1979 में उसने काकोरी निवासी हबीब नाम के शख्स की हत्या कर शव को ईंट भट्ठे में डाल दिया था.

नेपाल में ठिकाना बनाकर करता था काले कारोबार:पुलिस की अबत क की तफ्तीश में सामने आया कि लल्लन के दो बेटे पोलैंड में रहते हैं. तीसरा छोटा बेटा और घटना में उसका साथ देने वाला फराज उसके साथ दुबग्गा में रहता है. इसके विदेशों से कई तरह के अवैध करोबार हैं. इसके लिए नेपाल में आरोपियों ने कई ठिकाने बना रखे हैं. उसके बेटे पोलैंड से जब भी भारत आते हैं, पहले नेपाल में ही रुकते हैं. जमींदार परिवार का लल्लन कबूतरबाजी का शौकीन है. जांच में पता चला है कि 4 साल पहले उसने सरहद पार पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब के सूरबाला गांव से कुछ कबूतर मंगवाए थे. कबूतरों की सप्लाई करने वाले बबलू कजाला के बारे में भी लखनऊ पुलिस जानकारियां जुटा रही है.

कुत्तों की तस्करी करता था:आम के बागानों के साथ लल्लन का कुत्तों का फार्म हाउस भी है. यहां कीमती प्रजाति के कुत्तों की ब्रीडिंग करवाकर उनसे मोटी कमाई करता था. जांच में पता चला कि लल्लन विदेशों से पिटबुल समेत कई ऐसी नस्ल के कुत्तों की तस्करी करवाता था, जो भारत में प्रतिबंधित हैं. इन खूंखार नस्ल के कुत्तों को वह बेहद महंगे दामों में बेचता था. इसमें उसकी मदद उसके पोलैंड में रहने वाले दो बेटे शमाइल और इराज करते थे.

शस्त्र सम्बन्धित जानकारी:सिराज अहमद खान उर्फ लल्लन खान को दो शस्त्र लाइसेंस दिनांक 01.06.1979 और 01.07.1980 को तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए थे. 25.08.1992 को तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट ने दोनों शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए थे. इसके पश्चात 1994 में उच्च न्यायालय द्वारा जिला मजिस्ट्रेट के आदेश को स्थगित करते हुए शस्त्र बहाल कर दिया गया था.

जानवरों को भी फरहीन के मरने का गम:मलीहाबाद के मोहम्मदनगर में सनसनीखेज हत्याकांड के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. इंसान ही नहीं, जानवरों को भी फरहीन की मौत का गम है. घटना के बाद से घर के पालतू कुत्ते रॉकी ने कुछ नहीं खाया है. फरहीन कुत्ते से बहुत प्यार करती थी. अपने बच्चों की तरह उसके खाने-पीने का ध्यान रखती थी. वह घटनाक्रम के बाद से अपने पिंजड़े में चुपचाप बैठा है. मृतकों को देर शाम दरगाह कब्रिस्तान में नम आंखों के बीच सुपुर्द ए खाक किया गया.

हंजला के साथी भी सदमे में:ताज खां मलीहाबाद क्षेत्र के बड़े बागवान थे. इनके परिवार में पत्नी और तीन शादीशुदा बेटियां हैं. हंजला हजरतगंज के लामार्टीनियर में बारहवीं का छात्र था. स्कूल से वापस आने के बाद वह मलिहाबाद जिम आता था. जिम के साथी भी काफी सदमे में हैं. शनिवार को सभी साथी जिम में नहीं आए. मृतक फरहीन की छोटी बेटी जोया हजरतगंज के लारेटो कान्वेंट में कक्षा आठ की छात्रा है. मां-भाई का शव घर पहुंचने पर जोया बेहोश होकर खाकर गिर पड़ी. बुजुर्ग बुआ जोया को संभालती रहीं.

यूपी में जमीन और प्रेम संबंध में हुए कई हत्याकांड:अक्टूबर 2023 को देवरिया के फतेहपुर गांव जमीन विवाद में पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड के बारे में जिसने भी सुना, वह सिहर गया. चार माह के अंदर ही एक और जमीनी विवाद में हत्याकांड हो गया, जिसमें 15 वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों की गोलियों से भून दिया गया. जमीन और प्रेम संबंध में के लिए पहले भी कई हत्याकांड हो चुके हैं.

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से लेकर 2022 के बीच हत्या के 22,095 मामले दर्ज हुए. इनमें से 13,183 मामलों में हत्या की वजह जमीन, पारिवारिक, आपसी विवाद, छिटपुट झगड़े, अवैध संबंध और लव अफेयर से जुड़ी थी. इन छह वर्षों में सबसे अधिक 3,247 हत्याएं जमीन के लिए हुई हैं. लखनऊ के मलिहाबाद से पहले 2 अक्टूबर 2023 को देवरिया के फतेहपुर में जमीन विवाद को लेकर छह व 17 जुलाई 2019 में सोनभद्र के उम्भा गांव में आदिवासियों पर हुई फायरिंग में 11 लोगों की जान चली गई थी.

जमीन विवाद के बाद आपसी रंजिश दूसरी सबसे बड़ी वजह है हत्याओं की. बीते छह वर्षों के दौरान यूपी में आपसी रंजिश को लेकर 2,378 लोगों की हत्या हो चुकी है. हालांकि साल दर साल इस तरह के मामलों में कमी आ रही है.

तीसरे नंबर पर यूपी में होने वाली हत्याओं की सबसे बड़ी वजह लव अफेयर हैं. बीते 6 वर्षों में यूपी में लव अफेयर के चलते 1,996 मर्डर हो चुके हैं. ये मामले अब भी यूपी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. वहीं अवैध संबंधों को लेकर यूपी में 6 वर्षों के दौरान 640 हत्याएं हो चुकी हैं.वहीं मामूली विवाद में भी यूपी में हत्याएं कर देने से लोग गुरेज नहीं करते हैं. वर्ष 2017 से 2022 तक मामूली विवाद में यूपी में 1,923 हत्याएं हुई हैं. इसके अलावा इन वर्षों में पारिवारिक विवाद को लेकर भी 1,739 हत्याएं हुई हैं.

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Last Updated : Feb 4, 2024, 6:35 PM IST

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