लखनऊ : जिले में शुक्रवार को डेंगू के 27 नए मरीज मिले हैं. सभी मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. इनमें से इन्दिरानगर-5, टूडियागंज-2, चन्दरनगर-4, अलीगंज-4, सरोजनीनगर-3, चिनहट- 3, एनके रोड- 2, सिल्वर जुबली-2, ऐशबाग सीएचसी क्षेत्र में डेंगू के 2 मरीज मिले हैं. इसके आलावा अलीगंज, ऐशबाग और चन्दरनगर सीएचसी क्षेत्र में मलेरिया के भी 4 रोगी मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक जनपद में जनवरी से अब तक डेंगू के कुल 390 और मलेरिया के 405 मरीज मिल चुके हैं
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रोजाना स्वास्थ्य विभाग की टीमें अभियान चला रहीं है. शुक्रवार को टीमों ने फैजुल्लागंज, अलीगंज, इंदिरानगर, चन्दरनगर ऐशबाग सहित विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के साथ मच्छरजनित स्थितियां का भी निरीक्षण किया.
टीम ने लगभग 1488 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया. इसमें से 22 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर भवन मालिकों को नोटिस जारी की गई. साथ ही दोबारा से ऐसी स्थिति पाए जाने पर जुर्माना वसूलने की चेतावनी भी दी गई है. नगर मलेरिया इकाई एवं जिला मलेरिया अधिकारी की टीमों ने लार्वा रोधी रसायन का छिड़काव भी कराया.
परिजनों का दावा श्रेयांश की मौत डेंगू से हुई, स्वास्थ्य विभाग ने दिए ये आदेश
फैजुल्लागंज के श्रीनगर कॉलोनी के कक्षा-12 के छात्र श्रेयांश की मेदांता अस्पताल में गुरूवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई थी. परिजनों ने मौत डेंगू के कारण होने का दावा किया था. प्रथमदृष्टया स्वास्थ्य विभाग ने भी डेंगू से मौत होना स्वीकार किया है. हालांकि, डेथ ऑडिट का आदेश देते हुए पांच डॉक्टरों की कमिटी बना दी गई है. श्रेयांश को पहले बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आरोप है कि यहां समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा था. परिजनों ने उसे मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. हॉस्पिटल प्रशासन ने एलाइजा से भी अडवांस तकनीक एंजाइम लिंक्ड फ्लूरेसेंस अस्से (एल्फा) से जांच में डेंगू की पुष्टि का दावा किया था, जिसे स्वास्थ्य विभाग ने मान लिया है. श्रेयांस की डेंगू रिपोर्ट को प्रशासन ने सही माना है लेकिन उसकी मौत डेंगू से हुई या नहीं? इसके लिए डेथ ऑडिट का आदेश देते हुए पांच डॉक्टरों की कमेटी बना दी गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि जनवरी से अब तक डेंगू से हुई यह पहली मौत है. हालांकि प्रशासन डेथ ऑडिट की रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर मुहर लगाएगा.