लखनऊ: देश की प्रतिष्ठित लॉ यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई करने का सपना देखने वाले छात्रों को लखनऊ स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी एक बेहतरीन मौका देने जा रहा है. नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए देश भर में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित कॉमन एडमिशन लॉ टेस्ट (क्लैट) पास करना अनिवार्य नहीं होगा.
यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के अगले सत्र में कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र अब इसी संस्थान से 3 वर्षीय एलएलबी कोर्स भी कर सकेंगे इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है. इस कोर्स में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय अपने स्तर से ही एडमिशन प्रक्रिया आयोजित करेगा.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अमरपाल सिंह ने बताया कि विधि विश्वविद्यालय में अब तक 5 ईयर एलएलबी कोर्स करता आ रहा है. लेकिन, अब नई व्यवस्था के तहत 3 वर्षीय एलएलबी कोर्स भी शुरू होगा. इसके लिए विश्वविद्यालय की गवर्निंग बॉडी में इसका प्रस्ताव पास करके मान्यता के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया और उत्तर प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है.
कुलपति ने बताया कि 3 वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय स्तर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इसको लेकर प्रस्ताव और विभागीय प्रक्रिया पूरी की जा रही हैं. फीस का बुनियादी ढांचा तैयार हो गया है. विश्वविद्यालय सीटों के आवंटन के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया निर्धारित करेगा.
कुलपति अमरपाल सिंह ने बताया कि देश में करीब 22 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी हैं. इनमें डॉ. लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी की स्थिति काफी अच्छी है. विश्वविद्यालय में 1000 से अधिक छात्र हैं. यहां पर छात्र फाइव ईयर एलएलबी, एलएलएम और पीएचडी की पढ़ाई कर रहे हैं. इनको पढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय में 26 शिक्षक नियुक्त हैं. देश की बाकी लॉ यूनिवर्सिटी से बेहतर शिक्षकों की संख्या लोहिया यूनिवर्सिटी में है.