लखनऊः सात साल पहले पहली बार पांच सितंबर को लखनऊ में मेट्रो शहर वासियों के लिए संचालित होनी शुरू हुई थी. सात साल में शहरवासियों ने मेट्रो का खूब साथ दिया है. यही कारण है कि अब विभिन्न रूटों पर मेट्रो फुल होकर चल रही है. यात्रियों के मामले में रिकॉर्ड कायम कर रही है. पांच सितंबर को ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक मेट्रो का संचालन शुरू हुआ था. अब इस सात साल की कामयाबी का जश्न उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन मनाने की तैयारी कर रहा है. इस मेट्रो ने कम समय में नोएडा और गाजियाबाद की मेट्रो जैसी उपलब्धियां हासिल की हैं.
कब चली थी लखनऊ में मेट्रोः 27 सितंबर 2014 को ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन तक 8.5 किलोमीटर (5.3 मील) के साथ निर्माण कार्य शुरू हुआ था. तीन साल से कम समय में पांच सितंबर 2017 को निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मेट्रो का वाणिज्यिक संचालन शुरू हो गया. शहर वासियों को पहली बार मेट्रो से सफर करने का तोहफा मिला. जिससे यह देश में सबसे तेज मेट्रो रेल प्रणाली बन गई. पांच सितंबर को ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग के बीच मेट्रो का संचालन शुरू हुआ और इसके दो साल बाद ही नौ मार्च 2019 को चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मेट्रो स्टेशन से मुंशी पुलिया मेट्रो स्टेशन तक रेड लाइन पर मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ.
इन स्टेशनों के बीच दौड़ती मेट्रोः वर्तमान में लखनऊ मेट्रो 21 स्टेशनों के साथ 23.67 किलोमीटर की दूरी तय करती है. चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट, अमौसी, ट्रांसपोर्ट नगर, कृष्णा नगर, सिंगार नगर, आलमबाग, आलमबाग बस स्टैंड, मवैया, दुर्गापुरी, चारबाग, हुसैनगंज, सचिवालय, हजरतगंज, केडी सिंह बाबू स्टेडियम, लखनऊ विश्वविद्यालय, आईटी कॉलेज, बादशाह नगर, लेखराज मार्केट, भूतनाथ मार्केट, इंदिरा नगर और मुंशी पुलिया.