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सीएम योगी की सुरक्षा में तैनात इंस्पेक्टर की दिल का दौरा पड़ने से मौत - INSPECTOR DIES OF HEART ATTACK

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा टीम में तैनात इंस्पेक्टर की सोमवार रात को बिगड़ी थी तबीयत.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2024, 9:36 AM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा टीम की रात्रि-पाली की ड्यूटी में सोमवार रात शामिल रहे इंस्पेक्टर अखिलेश उमराव को दिल का दौरा पड़ने पर सिविल डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया. यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.






दवाएं कारगर हो रहीं या नहीं, केजीएमयू करेगा पता
वायरल हेपेटाइटिस से पीड़ित मरीजों के इलाज में दवाएं कारगर हो रही हैं या नहीं. केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग इसका पता लगाएगा. इसके लिए वायरल मार्कर भी खोजेगा. यह जानकारी केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन ने दी.

वह मंगलवार को केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग के 38 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं. ब्राउन हॉल में कार्यक्रम हुआ. विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता जैन ने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस दो प्रकार का होता है पहला जो दूसरे पानी या भोजन से होता है दूसरा संक्रमित रक्त से एक से दूसरे को होता है. समय पर जांच व इलाज से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. ऐसे लोगों की पहचान व स्क्रीनिंग जरूरी है. जो लोग वायरल हेपेटाइटिस की चपेट में हैं उनके परिवार के सदस्यों को संजीदा रहने की जरूरत है. संक्रमित मां से होने वाले शिशु को भी हेपेटाइटिस हो सकता है.

डॉ. अमिता जैन ने बताया कि नेशनल हेपेटाइटिस प्रोग्राम के तहत विभाग में वायरल हेपेटाइटिस की जांच हो रही है. जल्द ही नए मार्कर भी तलाशे जाएंगे. साथ ही दवाएं वायरल हेपेटाइटिस पर कितना असर कर रही हैं. इसका भी पता लगाया जा रहा है. यही नहीं लिवर सिरोसिस पीड़ित के फाइब्रोस्कैन रिपोर्ट से मार्कर व दूसरी जांचों से तुलनात्मक अध्ययन भी किया जाएगा.

दिल्ली स्थित लिवर एवं बाइलरी साइंसेज संस्थान में क्लीनिकल वायरोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. एकता गुप्ता ने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस गंभीर चुनौती है. जागरुकता से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. समय पर बीमारी की पहचान व इलाज जरूरी है.

माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ. शीतल वर्मा ने कहा कि दूषित रक्त से होने वाला हेपेटाइटिस घातक है. इससे संजीदा रहने की जरूरत है. कार्यक्रम में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष स्वर्गीय प्रो. आशा माथुर के परिवारीजनों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में प्रति कुलपति डॉ. अपजीत कौर, रिटायर प्रोफेसर डॉ. अशोक चंद्र, डॉ. विमला वेंकटेश, डॉ. गोपा बनर्जी, डॉ. आरके गर्ग, डॉ. प्रशांत गुप्ता, डॉ. यूएस सिंह, डॉ. आरके कल्याण, डॉ. सुरेश बाबू, डॉ. जेडी रावत, डॉ. विनीता मित्तल, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. अमित आर्या, डॉ. पारुल, डॉ. सुरुचि, डॉ. श्रुति आदि शामिल रहें.



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