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यूपी के उपभोक्ताओं को दीपावली गिफ्ट; इस साल नहीं बढ़ेंगी बिजली दरें, ग्रीन एनर्जी टैरिफ घटा

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने लगातार पांचवें साल पावर कॉरपोरेशन के बिल दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को वापस कर दिया है.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Electricity rates in UP
Electricity rates in UP (Photo Credit: ETV Bharat)

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने दीपावली से पहले प्रदेश भर के करोड़ों उपभोक्ताओं को बड़ा तोहफा दिया है. अब दीपावली में उपभोक्ता अपने घर को लाइटों से खूब सजाएंगे, लेकिन उन्हें महंगी बिजली का झटका नहीं लगेगा. लगातार पांचवें साल नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है.




उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरें बढ़ाने का फैसला टाल दिया है. अब उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ नहीं पड़ेगा. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन के बिजली दरों में बढ़ोतरी संबंधी सभी प्रस्ताव खारिज कर दिए हैं. लगातार पांचवां साल है जब पावर कॉरपोरेशन बिजली दरें बढ़ाने के लिए प्रस्ताव दाखिल करता है और नियामक आयोग प्रस्ताव को वापस कर देता है. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य की बिजली वितरण कंपनियों के लिए बिजली दरों का निर्धारण कर दिया है. आयोग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ में किसी तरह का कोई चेंज नहीं किया गया है. ग्रीन एनर्जी टैरिफ को 0.44 प्रति यूनिट से घटाकर 0.36 रुपए प्रति यूनिट जरूर कर दिया गया है.


परिवहन निगम के चार्जिंग स्टेशनों के लिए भी दरें लागू

राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इलेक्ट्रिक वाहनों के सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन के लिए लागू टैरिफ दरों को अब उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों पर भी लागू कर दिया है. इसके अलावा क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को मेट्रो रेल सेवाओं के समान टैरिफ दर पर चार्ज करने का फैसला लिया है.



नियामक आयोग के बिजली दरें नहीं बढ़ाने के फैसले का उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि आयोग के इस फैसले से प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. जब उपभोक्ताओं का पावर कॉरपोरेशन पर हजारों करोड़ रुपये बकाया है तो दरें बढ़ाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. यही तर्क लगातार उपभोक्ता परिषद की तरफ से नियामक आयोग में दिए गए. इसके बाद नियामक आयोग ने उपभोक्ता हित में यह फैसला लिया है.

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