लखनऊः महाकुंभ के संगम में स्नान करने की ख्वाहिश लेकर पहुंचे श्रद्धालुओं को संगम में तो डुबकी लगाने को नहीं मिल पाई. लेकिन मां गंगा और मां सरस्वती के आंचल में स्नान कर भी अपने को धन्य मान रहे हैं. महाकुंभ में तमाम यात्री आस्था की डुबकी लगाने के बाद त्रिवेणी एक्सप्रेस ट्रेन से जब बुधवार करीब 3:15 बजे लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उनके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव जरूर थे. लेकिन संगम में भगदड़ होने से जो हादसा हुआ, उससे वह काफी गमगीन भी थे.
लखनऊ से प्रयागराज के बीच संचालित होने वाली त्रिवेणी एक्सप्रेस बुधवार को प्रयागराज से जब लखनऊ आई तो ट्रेन में पैर रखने तक की जगह नहीं थी. खचाखच यात्रियों से भरी ट्रेन से जब श्रद्धालु अपनी यात्रा पूरी करने पर चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार पर उतरे तब जाकर उन्हें सुकून मिला. बड़ी संख्या में महिलाएं भी इस ट्रेन से महाकुंभ में संगम स्नान के बाद लखनऊ पहुंची.
महाकुंभ में स्नान कर लौटे श्रद्धालुओं से बातचीत. (Video Credit; ETV Bharat) महिलाओं ने बताया कि इस पावन पर्व पर महाकुंभ में स्नान करने के बाद जीवन धन्य हो गया है. लखनऊ से तमाम यात्री दो दिन पहले ही महाकुंभ में स्नान करने पहुंच गए थे. आज सुबह किसी ने तीन बजे तो किसी ने चार बजे ही स्नान कर लिया. लखनऊ लौटे श्रद्धालुओं ने कहा कि भगदड़ की जानकारी मिल गई थी लेकिन स्नान करना ही था इसलिए पूरा मन बनाकर गए थे. एक श्रद्धालु ने बताया कि जहां पर यह हादसा हुआ उससे, थोड़े आगे ही स्नान करने के लिए निकल पाए थे तब तक पीछे से पता चला कि वहां पर भगदड़ हो गई है. हालांकि संगम में स्नान की ख्वाहिश थी, लेकिन फिर जब भीड़ बहुत ज्यादा हो गई और भगदड़ होने लगी तो फिर वापस लौटकर गंगा में स्नान किया. एक श्रद्धालु का कहना था कि लोग संगम नोज में स्नान करने की जिद पकड़े हैं, इसीलिए उधर ज्यादा भीड़ हो रही है और यही हादसे का कारण बना है. पुलिस प्रशासन लगातार लोगों से अपील करता रहा कि संगम नोज के बजाय मां गंगा में स्नान कर लें, यहां पर पुण्य बराबर मिलेगा, लेकिन लोग यह मानने को तैयार ही नहीं हुए. इस वजह से यह दुखद हादसा हुआ है.
महिला श्रद्धालुओं का कहना है कि व्यवस्थाओं में सरकार की तरफ से कोई कमी नहीं थी लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोग बेकाबू हो गए. कुछ श्रद्धालुओं का कहना था कि लोगों को इतना पैदल चलना पड़ रहा है, जो यह ठीक नहीं है. इसका बेहतर अरेंजमेंट हो सकता था. कुछ ट्रेनों में सफर के दौरान कोई दिक्कत महसूस नहीं करने की बात कह रहे थे. यात्रियों ने यह भी कहा कि ट्रेन में इतनी जगह नहीं थी कि इधर से उधर हिल भी पाएं. बहुत ज्यादा भीड़ हो रही है.
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