लखनऊ :राजधानी में पुलिस लॉकअप में हुई व्यापारी की मौत का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है. अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने इस मामले में मानवाधिकार आयोग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है. शुक्रवार को व्यापारी मोहित पांडेय व उसके बड़े भाई शोभाराम को चिनहट पुलिस झगड़े के मामले में हिरासत में लेकर थाने पहुंची थी. पुलिस के मुताबिक रात में अचानक मोहित की तबीयत खराब हो गई. इसके बाद उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां उसकी मौत हो गई. वहीं परिजनों का आरोप है कि मोहित की पुलिस ने पिटाई की थी. मामले में थाना प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं :डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह के मुताबिक, मृतक का रविवार को डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम किया. इसकी वीडियोग्राफी भी हुई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, वहीं हृदय का विसरा सुरक्षित रखा गया है. डीसीपी के मुताबिक मोहित पांडेय के सिर, हाथ, कमर और पीठ पर चोट के निशान मिले हैं. इस पर डीसीपी का कहना है कि ये निशान थाने आने से पहले हुई मारपीट के हैं. जिसकी सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी.
इंस्पेक्टर ने शुरू की विवेचना :चिनहट थाना प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए निलंबित कर दिया गया है. वहीं इस पूरे मामले की विवेचना गोमती नगर विस्तार थाना प्रभारी के द्वारा कराई जा रही है. रविवार को गोमतीनगर विस्तार के इंस्पेक्टर सुधीर अवस्थी चिनहट थाने पहुंचे और जांच शुरू की.