रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर (मदमहेश्वर) की चल विग्रह उत्सव डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंची. शुक्रवार को भगवान मद्महेश्वर की डोली अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी. जिसके बाद 23 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी. वहीं, आगामी 24 नवंबर से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विधिवत शुरू होगी.
गुरुवार यानी 21 नवंबर को ब्रह्म बेला पर मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग ने गौंडार गांव में पंचांग पूजन के तहत भगवान मद्महेश्वर समेत सभी देवी-देवताओं का आह्वान कर आरती उतारी. जिसके बाद निर्धारित समय पर भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से राकेश्वरी मंदिर रांसी के लिए रवाना हुई. भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के राकेश्वरी मंदिर रांसी आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया. लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर विभिन्न पूजा सामग्रियों से अर्घ्य देकर क्षेत्र के सुख समृद्धि की कामना की.
कल गिरीया गांव पहुंचेगी मद्महेश्वर की डोली:कल भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी रांसी से रवाना होकर उनियाणा, राऊंलैक, बुरूवा, मनसूना यात्रा पड़ावों पर आशीर्वाद देते हुए अंतम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी. भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के राकेश्वरी मंदिर रांसी आगमन पर हरिद्वार निवासी नरेश डंगवाल और अजय शुक्ला ने विशाल भंडारे का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया.