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स्पीकर ओम बिरला की मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को सलाह- निजी अस्पताल से बेहतर बनाएं व्यवस्था - LOK SABHA SPEAKER OM BIRLA

स्पीकर ओम बिरला की मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को सलाह- निजी अस्पताल से बेहतर बनाएं व्यवस्था. सरकारी अस्पताल में मरीज आने से कतराएं नहीं.

Lok Sabha Speaker Om Birla
बिरला की मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को सलाह (ETV Bharat Kota)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 2, 2025, 8:34 PM IST

कोटा:राजस्थान के कोटा-बूंदी सांसद और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला गुरुवार को संभाग के सबसे बड़े महाराव भीम सिंह चिकित्सालय और मातृ एवं शिशु अस्पताल जेके लोन के दौरे पर पहुंचे. बिरला ने अस्पतालों में ओपीडी और इनडोर ब्लॉक के साथ-साथ इमरजेंसी में जाकर व्यवस्थाएं देखी. बिरला ने हॉस्पिटल में करीब 2 घंटे तक दौरा किया. वे सुबह पूरे लवाजमे के साथ 11:15 बजे पहुंच गए थे और दोपहर 1:30 बजे तक उन्होंने अस्पताल में दौरा किया है.

इस दौरान ओम बिरला ने मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना, एमबीएस अधीक्षक डॉ. धर्मराज मीणा और चिकित्सकों से कहा कि ग्रामीण या फिर अन्य लोगों में यही मानसिकता है कि निजी अस्पताल में बीमार मरीज को तत्काल संभाल लेगा, लेकिन सरकारी में ऐसा नहीं होगा. ऐसा क्यों हो रहा है, इसके कारण सभी को जानने होंगे. उसकी पूरी लिस्टिंग की जाए और उसके अनुसार अस्पताल में सुविधा दी जाए. मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में भी निजी अस्पताल के जैसा ही उपचार मिलता है, लेकिन व्यवस्थाओं में काफी अंतर है. इन व्यवस्थाओं को ही दुरुस्त करना होगा.

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (ETV Bharat Kota)

पूरी तरह से फूल प्रूफ सिस्टम अस्पताल में विकसित हो : बिरला ने कहा कि अस्पताल के गेट पर ही ट्रॉली से लेकर स्टाफ अटेंडेंट करने के लिए खड़ा हो. मरीज को तत्काल वार्ड या चिकित्सकों तक पहुंचा दें, जहां पर जिस विभाग का मरीज हो वे चिकित्सक तुरंत अटेंड कर लें. इमरजेंसी के समय तुरंत ऐसी व्यवस्था मरीज को मिले, जिससे वह सरकारी अस्पताल की तरफ आकर्षित हो जाए. इमरजेंसी में हर समय मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक, न्यूरोसर्जरी, जनरल सर्जरी और हृदय रोग के चिकित्सक उपलब्ध रहे. जरूरत पड़ने पर अन्य चिकित्सकों को तुरंत कॉल पर बुलाया जाए. इस तरह के सिस्टम को विकसित किया जाए. ऐसे नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगे, जो मरीज को टेकल कर सके और बीमारी के अनुसार उन्हें तुरंत हैंडल भी करें.

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मरीज के अनुकूल बनाई जाएगी व्यवस्था : मीडिया से बातचीत करते हुए बिरला ने कहा कि पूरे अस्पताल का नया प्लान मरीजों की व्यवस्थाओं के अनुकूल हो. मरीजों की आवश्यकताओं के अनुसार चिकित्सा व्यवस्था को पूरा कर सके, एमबीबीएस बिल्डिंग पुरानी हो चुकी है व नई बिल्डिंग में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. नर्सिंग, पैरामेडिकल और अन्य मेडिकल स्टॉफ, इक्विपमेंट की कमी है. इनकी व्यवस्था की जाएगी, ताकि एक ही छत के नीचे सभी मरीजों का बेहतर इलाज हो सके. बिरला में अस्पतालों में बनने वाली 300-300 बेड की डॉरमेट्री के संबंध में भी जानकारी ली है.

ऑक्सीजन लाइन और एयर कंडीशन नहीं होने पर जताई नाराजगी : बिरला के साथ निरीक्षण में जिला प्रशासन, कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जलदाय और नगर निगम के अधिकारी भी थे. इस दौरान नए ब्लॉक के मेडिसिन आईसीयू में ऑक्सीजन लाइन और वेटिंग एरिया में एयर कंडीशनिंग नहीं होने पर नाराजगी जताई. नगर निगम को अस्पताल परिसर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाकर नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए. केडीए अधिकारियों को खाली और अनुपयोगी स्थान के उपयोग के लिए भी कहा है. एमबीएस के पुराने वार्ड और कॉरिडोर के रिनोवेशन, सेंट्रल लैब के विस्तार और मरीज के लिए जगह-जगह पर दिशा निर्देश लगवाने के लिए भी उन्होंने कहा है. नई एमआरआई मशीन लगवाने के लिए प्रपोजल बनाने के निर्देश दिए हैं.

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