जयपुर : राजस्थान के जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में विवादों में रहने वाला मुगल टेंट इस बार साहित्य के पन्ने नहीं पलटेगा, बल्कि खाने की सुगंध महकेगी. बीते दो वर्षों से विवादों में रहे मुगल टेंट को इस बार फूड एरिया में तब्दील किया गया है. वहीं, एक नया सेशन वेन्यू सूर्य महल देखने को मिलेगा. इसके साथ ही इस बार दुनिया भर में हो रही युद्धों पर चर्चा होगी. बांग्लादेश की राजनीतिक उठापटक पर लिखे गए साहित्य पर भी सत्र होंगे.
30 जनवरी से 3 फरवरी तक आयोजन : साहित्य और संवाद, विचार और विवाद के लिए जाना जाने वाला जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 18वां संस्करण 30 जनवरी से 3 फरवरी तक आयोजित होगा. इसे लेकर जेएलएफ के प्रोड्यूसर संजॉय रॉय ने बताया कि इस बार आयोजन स्थल क्लार्क्स होटल परिसर को उत्सव थीम पर सजाया जा रहा है. वहीं, मुख्य विषयों में 'द फ्रैक्वर्ड वर्ल्ड' शामिल है, जिसमें वर्तमान वैश्विक राजनीति, युद्ध और संघर्ष पर सत्र होंगे. बांग्लादेश में हुई घटनाओं पर आधारित साहित्य, थिएटर, नृत्य, संगीत, कविता, सिनेमा, खेल, भोजन, जलवायु और कई अन्य विषयों पर भी सत्र होंगे. उन्होंने बताया कि जेएलएफ में इस बार 600 से ज्यादा साहित्यकार, नोबेल और बुकर पुरस्कार विजेता, नीति निर्माता और लेखक शामिल होंगे.
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जयपुर म्यूजिक स्टेज पर कैलाश खेर के कैलासा, अभिजीत पोहनकर के 'द अमीर खुसरो प्रोजेक्ट', दास्तान लाइव के 'कबीरा खड़ा बाजार में', कामाक्षी खन्ना, सुशीला रमन, सैम मिल्स, नाथू लाल सोलंकी, चुग्गे खान और ऋषि जैसे प्रतिष्ठित और लोकप्रिय कलाकार समूह अपनी प्रस्तुतियां देंगे. वहीं, जेएलएफ में कवि बद्री नारायण को उनकी साहित्यिक प्रतिभा और समाज में परिवर्तन लाने वाली शैली के लिए प्रतिष्ठित कन्हैया लाल सेठिया पुरस्कार दिया जाएगा. बद्री नारायण को उनके प्रशंसित कविता संग्रह 'तुमड़ी के शब्द' के लिए 2022 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था.
मुगल टेंट में अब फूड एरिया : वहीं, एक बड़े बदलाव की जानकारी देते हुए संजॉय ने बताया कि बारिश की वजह से कई बार परेशानी होती थी. ऐसे में क्लार्क्स आमेर ने नया वेन्यू दिया है, जिसे सूर्य महल नाम दिया गया है, जहां सत्र होंगे. मुगल टेंट में इस बार फूड एरिया बनाया जाएगा. आपको बता दें कि उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह ने 2023 में जेएलएफ के एक सत्र में मुगल टेंट का नाम रखे जाने पर आपत्ति जताई थी. उस सत्र में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी भी मौजूद थे. तब लक्ष्यराज ने कहा था कि वे दोनों मेवाड़ से हैं और मुगल तथा मेवाड़ के बीच हमेशा दुश्मनी रही है, लेकिन समय देखिए आज इस नाम के साथ चर्चा करनी पड़ रही है. वहीं, तत्कालीन बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी कहा था कि मुगल टेंट का नाम रखना आयोजकों की गलती है, जिससे लोग नाखुश हैं. अब जाकर यह मुगल टेंट साहित्य के सत्र के लिए नहीं, बल्कि फूड एरिया के रूप में पहचाना जाएगा.
आपको बता दें कि जेएलएफ में नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफ्लो और वेंकी रामकृष्णन फेस्टिवल का हिस्सा होंगे. अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री, पुलित्जर पुरस्कार विजेता और साहित्यिक आलोचक स्टीफन ग्रीनब्लाट, इतिहासकार और विचारक गोपालकृष्ण गांधी, अनीता आनंद, मनु एस पिल्लई और रंजीत होस्कोटे, थिएटर, सिनेमा और कला से जुड़े दिग्गज डेविड हेयर, जावेद अख्तर, इम्तियाज अली और मानव कौल भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे. इस बार नूपुर संस्थान के सहयोग से साइन लैंग्वेज और इंटरप्रिटेशन सत्र भी फेस्टिवल का हिस्सा होंगे.