बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Ground Report : मुजफ्फरपुर में 5 हजार की आबादी पर एक भी शौचालय नहीं, जानिए क्या बोले इलाके के वोटर्स? - Lok Sabha Elections 2024 - LOK SABHA ELECTIONS 2024

Muzaffarpur Lok Sabha Seat: बिहार के मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर 20 मई को मतदान होना है. ऐसे में जब ईटीवी भारत की टीम वोटर्रों की नब्ज टटोलने निकली तो चौकाने वाले खुलासे सामने आए. जिले में एक ऐसा इलाका है जहां 5 हजार की आबादी पर एक भी शौचालय नहीं है. खुले में या सामूदायिक शौचालय में 5 रुपए खर्ज कर जाना पड़ता है. पढ़ें पूरी खबर.

मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर मतदाताओं की राय
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर मतदाताओं की राय (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 18, 2024, 9:47 PM IST

मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर मतदाताओं की राय (ETV Bharat)

मुजफ्फरपुरःबिहार में पांचवें चरण का चुनाव सोमवार को होना है. इस दौरान हर वर्ग के वोटरों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. खासकर फर्स्ट टाइम वोटर्स उत्साहित नजर आ रहे हैं, लेकिन कई मतदाता विकास नहीं होने से नाराज चल रहे हैं. इसबार कुछ अलग फैसला करने का विचार किया है. वोटर्स विकास के मुद्दे पर भी मुखर दिख रहे हैं.

युवा वोटरों की रायः मुजफ्फरपुर में युवा वोटरों ने नौकरी और क्षेत्र में विकास की मांग की है. फर्स्ट टाइम वोटर हरिओम कश्यप, राकेश कुमार समेत अन्य युवा वोटरों का कहना है कि वे लोग नौकरी, क्षेत्र में विकाश चाहते हैं. युवाओं ने अपना नेता चुन भी लिया है जिसे 20 मई को वोट करेंगे. उन्हे पता है किसे वोट देना है.

"विकास और नौकरी के नाम पर वोट करेंगे. पिछले कई सालों से कोई विकास नहीं हुआ है. जो युवाओं को नौकरी और रोजगार देगा उसे वोट करने का काम करेंगे."-युवा वोटर्स, मुजफ्फरपुर

'खुद का शौचालय नहीं': दूसरी ओर शहर के सिकंदरपुर इलाके की हालत दयनीय है. इस इलाके में महादलितों की अच्छी खासी आबादी है. अंबेडकर नगर में करीब 5 हजार से अधिक लोग रहते हैं. आजादी के बाद भी यहां के लोग कई तरह के विकास से वंचित हैं. इनके पास आवास की बड़ी समस्या है. 50 वर्ष से अधिक हो गए लेकिन इनके पास खुद का शौचालय नहीं है.

"किसी भी घर में शौचालय नहीं है. लोग खुले में जाते हैं या सामूदायिक शौचालय में 5 रुपए देकर जाते हैं. हमलोगों को काफी समस्या हो रही है. जो विकास करेगा उसी को वोट करेंगे."-महिला मतदाता, सिकंदरपुर

'नहाने की व्यवस्था नहीं': यहां के लोगों ने कहा कि स्नान करने से लेकर कपड़े धोने तक के लिए सड़क पार करनी पड़ती है. नदी तालाब और पोखरों का सहारा लेना पड़ता है. सड़क के उस पार नगर निगम के नल लगे हुए हैं वही पर स्नान से लेकर कपड़ा धोने तक का काम महिलाएं करती हैं

'कोई योजना नहीं चलायी जाती': बस्ती की रहने वाली सविता और नागो देवी समेत अन्य महिलाओं ने बताया कि किसी पार्टी को वोट कीजिए सरकार वहीं देगी जो सभी को देती है. हम महादलितों के लिए यहां पर अलग से कोई योजना नहीं चलायी जाती है.

'50 वर्षों से शौचालय नहीं': बस्ती के रामसूरत भारती ने बताया कि बस्ती की साफ-सफाई भी ढंग से नहीं होती है. हमलोगों को खुद से करना होता है. महिलाओं को परेशानी होती है. पिछले 50 वर्षों से अधिक हो गए लेकिन किसी के पास अपना शौचालय नहीं है.

'मजदूरी की गारंटी नहीं':चंदन कुमार ने कहा की कि रोज दिन मजदूरी मिले इसकी कोई गारंटी नहीं है. काम के लिए हर दिन संघर्ष करना पड़ता है. प्रत्याशी मदद का भरोसा देते हैं. जीत के बाद भूल जाते हैं. गरीबों का समय तो हर दिन कमा कर खाने में गुजर जाता है. इसबार मतदाता बदलाव के मूड में दिख रहे हैं.

यह भी पढ़ेंःपांचवें चरण में चिराग, रूडी, रोहिणी, अजय निषाद और देवेश चंद्र ठाकुर का मुकाबला, जानें किसका पलड़ा भारी? - Lok Sabha Election 2024

ABOUT THE AUTHOR

...view details