कोरबा लोकसभा सीट पर पंजे और कमल की सीधी टक्कर, जानिए इस बार का सियासी समीकरण !
Korba Parliamentary Seat: छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है. इस बीच ईटीवी भारत आपको छत्तीसगढ़ के सभी 11 लोकसभा सीट का समीकरण बताने जा रहा है. आइए एक नजर डालते हैं कोरबा लोकसभा सीट के सियासी समीकरण पर
कोरबा:कोरबा लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में वो सीट है, जहां से पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. 11 लोकसभा सीटों में कांग्रेस के पास केवल दो सीटें हैं. हालांकि कांग्रेस के लिए इस बार कोरबा सीट पर जीत हासिल करना बड़ी चुनौती होगी. कोरबा लोकसभा सीट में शामिल कुल विधानसभा क्षेत्रों में बीते विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के पास मात्र एक सीट रामपुर ही बच पाई है. पिछली बार 7 सीटें थी, महज एक सीट भाजपा के पास थी. इस बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने पाली-तानाखार विधानसभा चुनाव जीतकर अपनी पैठ बढ़ाई है. इसके बाद मामला पहले के मुकाबले पूरी तरह से पलट गया है.
इस तरह बदल गया पूरा समीकरण:कांग्रेस ने कोरबा लोकसभा सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में 26 हजार 349 मतों से जीत हासिल की थी. उस समय रामपुर और पाली-तानाखार में ही सबसे अधिक बढ़त मिली थी. कोरिया जिले के तीनों विधानसभा बैकुंठपुर, मनेन्द्रगढ़ और भरतपुर-सोनहत में पार्टी पिछड़ी थी, जहां पिछली बार तीनों सीट पर कांग्रेस के विधायक थे. इस बार विधानसभा चुनाव के बाद 6 सीटों के परिणाम के आधार पर भाजपा की लीड 60 हजार 154 है. कोरबा जिले में लीड 6034 की है. सर्वाधिक लीड मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, भरतपुर-सोनहत और मरवाही में है, जहां 54 हजार से अधिक की लीड है. विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है, लेकिन इस बार कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है.
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले 5 लाख से अधिक वोट: बात अगर पिछले लोकसभा चुनाव की करें तो कोरबा में कांग्रेस को 5 लाख 2 हजार 340 वोट मिले थे. भाजपा को 4 लाख 57 हजार 61 वोट मिले थे, जबकि गोडवाना गणतंत्र पार्टी के तुलेश्वर मरकाम को 37 हजार 417 वोट मिले थे. हालांकि बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा को 5 लाख 4 हजार 940 वोट मिले हैं. जबकि कांग्रेस को 4 लाख 44 हजार 50 वोट मिले हैं. यदि इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में अंतर देखें तो 60 हजार 154 वोट का है. मरवाही में भी लंबे समय बाद भाजपा ने जीत हासिल की है. यहां कांग्रेस 39 हजार 221 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर खिसक गई है. यहां से जनता कांग्रेस 39 हजार 882 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर हैं. इसी तरह पाली-तानाखार में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने बाजी मारी है. दोनों ही क्षेत्रों में इस बार नए समीकरण बनते दिख रहे हैं.
कोरबा में 9 लाख मतदाता तय करेंगे प्रत्याशियों का भविष्य: इस बार लोकसभा चुनाव में कोरबा में 9 लाख 31 हजार 328 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान 4903 मतदाताओं का नाम 18 साल की आयु पूरी करने पर जोड़ा गया है. इस बारे में निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि, " ये मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जाएगा. कोरबा लोकसभा के अंतर्गत जिले की चार विधानसभा सीटें शामिल हैं. इसमें रामपुर, कटघोरा, पाली-तानाखार और कोरबा विधानसभा शामिल हैं. चारों विधानसभा क्षेत्रों में 9 लाख 31 हजार 328 मतदाता हैं." पिछले चुनाव की तुलना में मतदाताओं की संख्या में इस बार लगभग 7.72 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2019 में कोरबा में 8 लाख 59 हजार 437 मतदाता थे. कोरबा में युवा वोटर की संख्या में भी वृद्धि हुई है. 1 जनवरी 2024 को कोरबा में 20 हजार 64 युवा मतदाता थे. 6 जनवरी को मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण शुरू किया गया था. 8 फरवरी तक चले पुनरीक्षण कार्य में 4903 युवा मतदाताओं को चिन्हित किया गया है. अब जिले में युवा मतदाता की संख्या बढ़कर 24967 हो गई है.
कोरबा लोकसभा सीट में आठ विधानसभा पड़ते हैं. यह सामान्य वर्ग की सीट है, लेकिन कोरबा लोकसभा में रामपुर, पाली तानाखार, भरतपुर सोनहत जैसी सीट भी शामिल है, जो कि आरक्षित विधानसभा सीटें हैं. इसके अलावा कोरबा, कटघोरा सहित मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर और मरवाही विधानसभा सीट भी कोरबा लोकसभा में शामिल है. इसलिए कोरबा लोकसभा के सीट में शहरी के साथ ही आदिवासी मतदाताओं की संख्या भी काफी अधिक है. इसलिए सिर्फ शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के वनांचल और गांव में रहने वाले आदिवासी भी यहां से अपना प्रतिनिधि चुनते हैं.