पटना:द प्लुरल्स पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी ने इशारों-इशारों में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने जन विश्वास यात्रा पर तंज कसते हुए वंशवादी पार्टी करार दिया. पुष्पम प्रिया ने कहा कि, उत्तराधिकारी नकली युवा होते हैं, बिहार को नकली नेता नहीं, लीडर चाहिए, इसलिए अब बकवास नहीं चलेगा.
पुष्पम प्रिया चौधरी का तीर, निशाने पर कौन ? :पुष्पम प्रिया चौधरी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा- 'माई, बाप, A2Z और न जाने क्या-क्या! बिहार पहली क्लास का बच्चा है जो ककहरा और पहाड़ा पढ़ाया जा रहा है? नकली नेताओं की वंशवादी पार्टी के उत्तराधिकारी भी नकली ही युवा होते हैं. युवा मतलब विवेकानंद, बोस, अंबेडकर, भगत सिंह, पर वे असली लीडर थे, मोटी किताबें पढ़ते-लिखते थे, अंग्रेजी अक्षर के हिन्दी हिज्जे नहीं लगाते थे. बिहार को युवा चाहिए, लीडर चाहिए, विकास चाहिए, पर नकली नहीं, धूर्त नहीं, बकवास नहीं.''
पुष्पम प्रिया चौधरी ट्वीट के मायने क्या है? : अपने एक्स अकाउंट पर पुष्पम प्रिया चौधरी ने, जो ट्वीट किया उसमें माई, बाप, A2Z जैसे शब्दों का जिक्र है. ऐसे में माना जा रहा है कि उनके निशाने पर तेजस्वी है. पिछले दिनों जन विश्वास यात्रा पर निकले तेजस्वी यादव ने कहा था कि कुछ लोग कहते हैं कि आरजेडी सिर्फ माई (मुस्लिम-यादव) की पार्टी है. लेकिन मैं उन लोगों को बता देना चाहता हूं कि आरजेडी सिर्फ माई (MY) नहीं, बल्कि बाप (BAAP) की भी पार्टी है. उन्होंने बाप का मतलब भी समझाया था.
''आरजेडी MY (Muslim-Yadav) के साथ-साथ बाप (BAAP) की भी पार्टी है. बाप का मतलब B से बहुजन, A का मतलब अगड़ा, A का मतलब आधी आबादी और P यानी पुअर यानी गरीब होता है.''- तेजस्वी यादव, नेता, आरजेडी
कौन हैं पुष्पम प्रिया चौधरी? : साल 2020, बिहार विधानसभा चुनाव में एक नया चेहरा दिखा. चेहरे पर मास्क, अखबारों में विज्ञापन देकर अपनी पार्टी द प्लूरल्स का खुद को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया था. बिहार को बदलने की कसम खाकर सियासी एंट्री ली थी. 43 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए. खुद दो सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली. एक सीट पर तो नोटा से भी कम वोट मिले. लेकिन एक बार फिर बिहार को बदलने का वादा कर गुम हो गई. लेकिन सोशल मीडिया सियासी सवाल और सियासी मुद्दे उठाती रहीं. उन्होंने एक बरा कहा था कि जब तक नीतीश कुमार को सत्ता से नहीं हटाएंगी, तब तक मास्क नहीं हटाएंगे.