शिमला: केंद्रीय चुनाव आयोग ने देशभर में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. कुल 7 चरणों में लोकसभा चुनाव के साथ कई राज्यों में विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे. चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग पूरी कोशिश में जुटा है. इसी कड़ी में चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश में उन 414 मतदान केंद्रों पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में 60 प्रतिशत से कम मतदान हुए थे.
414 चिन्हित मतदान पर विशेष अभियान: इस बार हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ उन 6 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव भी होंगे, जो कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद खाली हुई हैं. छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव एक जून को आखिरी चरण में हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों के साथ ही होंगे. हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा, "मिशन 414" अभियान का मुख्य फोकस, उन 414 चिन्हित मतदान केंद्रों पर वोट प्रतिशत बढ़ाना है, जहां पिछले लोकसभा चुनावों में 60 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था.
उन्होंने कहा, इन 414 पोलिंग स्टेशनों को आदर्श मतदान केंद्र बनाने के साथ ही जागरूकता अभियान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे. पहली बार मतदान करने वाले बूथ यूथ आइकॉन को शामिल किया जाएगा और संभावित मतदाताओं को बच्चों द्वारा बनाए गए विशेष निमंत्रण कार्ड दिए जाएंगे. सूत्रों की माने तो कम मतदान वाले मतदान केंद्रों और विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए फरवरी में संबंधित उपायुक्तों को पत्र भेजा गया था.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा, "मूल रूप से यह जमीनी स्तर पर मतदाताओं तक पहुंचने और उन्हें वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने के बारे में शिक्षित करने की एक गतिविधि है. इन क्षेत्रों में हस्तक्षेप कर्मचारियों, महिलाओं और युवाओं को प्रेरित करने और घर-घर पहुंच कर वोटरों को मतदान के लिए जागरूक करना है. इसी तरह की पहल देशभर के 22 विधानसभा क्षेत्रों में चल रही है. इसका उद्देश्य उन मतदान केंद्रों पर मतदान प्रतिशत को 72 प्रतिशत तक बढ़ाना है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में मतदान 70 प्रतिशत से कम था. 2019 में हिमाचल प्रदेश में औसत मतदान 72.42 प्रतिशत हुआ था".
महिला और युवाओं को किया जाएगा वोटिंग के लिए प्रेरित: वहीं, एक अन्य पहल आठ विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित है, जहां महिला मतदाताओं का मतदान पुरुषों की तुलना में कम था. ऐसे में महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए इन क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में 'महिला प्रेरक' नियुक्त की जाएंगी. अधिकारियों ने कहा महिला आइकनों की नियुक्ति के अलावा, शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाली लड़कियों को कैंपस एंबेसडर द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूहों, महिला मंडलों के माध्यम से कामकाजी महिलाओं और गृहिणियों तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया जाएगा.