रांची:लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने को लेकर झारखंड पुलिस कमर कस चुकी है. पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर झारखंड पुलिस ने राज्यों के बॉर्डर पर सीसीटीवी युक्त चेक पोस्ट का निर्माण करवाया है, ताकि इंटरस्टेट बॉर्डर की निगरानी बेहतर तरीके से की जा सके.
चेक पोस्ट का निर्माण पूरा
रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया की रांची रेंज के कई जिलों से ओडिशा, छत्तीसगढ़ और प. बंगाल की सीमाएं जुड़ी हुईं हैं. झारखंड से सटे ओडिशा, छत्तीसगढ़ और प. बंगाल बॉर्डर पर सीसीटीवी युक्त चेक पोस्ट का निर्माण पूरा कर लिया गया है. अधिकांश में सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए गए हैं. वहां सुरक्षाबलों की तैनाती कर बॉर्डर की कड़ी निगरानी की जा रही है. रांची रेंज के रांची, गुमला और सिमडेगा जिलों में सभी चेक पोस्ट सुचारू रूप से कम कर रहे हैं. हर वाहन की चेकिंग सीसीटीवी कैमरे के निगरानी में की जा रही है, ताकि कहीं से भी कोई भी तस्कर किसी भी तरह के हथियार या फिर दूसरे तरह के आपत्तिजनक सामानों की तस्करी ना कर सके.
24 घंटे की निगरानी हो रही, मजिस्ट्रेट भी तैनात
इंटर स्टेट बॉर्डर पर बने चेक पोस्ट की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से तो की ही जा रही है, साथ ही साथ हर चेक पोस्ट पर मजिस्ट्रेट और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. जितने भी चेक पोस्ट बॉर्डर पर बनाए गए हैं वह 24 घंटे कार्यरत रहेंगे. सुरक्षा में लगे जवानों को यह निर्देश दिया गया है कि वह अवैध शराब अवैध हथियार के साथ-साथ ज्यादा मात्रा में नगद पैसे ले जाने वालों पर कड़ी नजर रखें. किसी भी चेक पोस्ट से अगर कोई भी वहां गुजरता है तो उसे बिना चेक किया ना जाने दें. अगर किसी वहां से बहुत ज्यादा नगद पैसे बरामद होते हैं तो तुरंत जिले के एसपी को सूचना देने का निर्देश दिया गया है.
रांची डीआईजी के अनुसार हाल ही में इंटर स्टेट पुलिस कोऑर्डिनेशन कमिटी की मीटिंग भी हुई है, जिसमें किस इलाके में कहां-कहां चेक पोस्ट बने हैं उन सब सूचनाओं का आदान-प्रदान भी किया गया है. चुनाव के दौरान अवैध शराब की तस्करी सीमावर्ती इलाकों में न हो, इसे लेकर विशेष तैयारी की गई है. पंजाब, हरियाणा से आने वाली शराब की खेप पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाने पर सहमति भी बनी है. ओडिशा, छत्तीसगढ़ और प. बंगाल पुलिस के साथ झारखंड पुलिस ने अंतर्राज्यीय आपराधिक गिरोह और सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय अपराधियों-माओवादियों की सूची भी एक दूसरे को सौंपी हैं.