भीलवाड़ा लोकसभा सीट का हाल भीलवाड़ा.राजस्थान के भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र भीलवाड़ा जिला, बूंदी जिले की हिंडोली विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर बना हुआ है. यहां अब तक उपचुनाव सहित कुल 18 लोकसभा चुनाव हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा 9 बार कांग्रेस विजयी हुई और चार बार भाजपा ने जीत हासिल की है. पिछले दो चुनाव से यहां भाजपा के वर्तमान सांसद सुभाष बहेड़िया विजयी रहे हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने जहां सीट को बनाए रखने की चुनौती है तो कांग्रेस के सामने भीलवाड़ा सीट पर दोबारा विजय पाने की चुनौती बनी हुई है.
भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र इंडिकेट और सिंडिकेट विवाद में तत्कालीन शिक्षा मंत्री कालू लाल श्रीमाली ने त्याग पत्र दिया. इसके बाद वर्ष 1964 में उपचुनाव हुए, तब शिवचरण माथुर सांसद चुने गए. यहीं से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ. वो प्रदेश मे दो बार मुख्यमंत्री और असम के राज्यपाल के पद पर रहे. वहीं, भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे गिरधारी लाल व्यास दो बार, स्वतंत्रता सेनानी रमेश चंद्र व्यास दो बार, पंजाब के राज्यपाल रहे वीपी सिंह बदनोर दो बार सांसद चुने गए. साथ ही केंद्रीय मंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महामंत्री रहे डॉक्टर सीपी जोशी भी भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए और केंद्र में रेल, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री के पद पर भी रहे थे.
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वर्तमान में भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुभाष बहेड़िया हैं. सुभाष बहेड़िया ने वर्ष 1996 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था. उस समय उन्होंने मेवाड़ महाराणा महेंद्र सिंह को पराजित किया था. इसके बाद वापस 2014 और वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा. 2019 के चुनाव में उन्होंने राजस्थान में सर्वाधिक 6 लाख 12 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. सांसद बहेड़िया की यह जीत देश में चौथे नंबर पर थी. इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इस सीट पर जीत का परचम लहराने के लिए रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं. दोनों पार्टियों की ओर से सियासी दांव पेच आजमाए जा रहे हैें.
लोकसभा क्षेत्र की कुल मतदाता : 21,25,306 मतदाता वाले इस लोकसभा क्षेत्र में 10,80,093 पुरुष और 10,45,203 महिला मतदाता हैं. अकेले भीलवाड़ा जिले की सात विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या लगभग 28 लाख है, जिसमें भीलवाड़ा शहर की जनसंख्या 5 लाख से ऊपर है.
देखें पिछले चुनावों के नतीजे टेक्सटाइल सिटी के नाम से विख्यात है भीलवाड़ा : टेक्सटाइल सिटी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा शहर तेजी से बढ़ता राजस्थान का सातवां बड़ा शहर है. लगभग 20 हजार करोड़ रुपए के कपड़े के सालाना कारोबार वाले भीलवाड़ा में अब वैल्यू एडिशन के रूप में रेडीमेड गारमेंट का काम भी तेजी से बढ़ रहा है. भीलवाड़ा देश में बिहार के बाद अभ्रक (माइका) उत्पादन में दूसरे स्थान पर रहा था. अभी भी भीलवाड़ा में जिंक, आयरन ,सॉफ्ट स्टोन और चायना क्ले के प्रचुर भंडार होने के कारण यह माइनिंग क्षेत्र में भी अपना प्रमुख स्थान रखता है.
ब्राह्मण जाति का रहा प्रभुत्व : भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण जाति का प्रभुत्व हमेशा रहा है. यहां से कांग्रेस ने 10 बार ब्राह्मण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. इसमें से 6 बार कांग्रेस के ब्राह्मण उम्मीदवार को जीत मिली थी. इसके अलावा भाजपा के राजपूत उम्मीदवार वी.पी. सिंह बदनोर दो बार, जनसंघ और फिर लोक दल के उम्मीदवार के रूप में हेमेंद्र सिंह बनेड़ा भी यहां दो बार चुनाव जीतने में सफल रहे. ब्राह्मणों के बाद इस लोकसभा क्षेत्र में गुर्जर और राजपूत मतदाताओं का खासा प्रभाव है.
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लोकसभा क्षेत्र में प्रमुख मुद्दे :
- ग्रामीण क्षेत्र में अभी तक पेयजल के लिए चंबल का पानी नहीं पंहुचा, इसीलिए ग्रामीण क्षेत्र में पानी का संकट है.
- क्षेत्र में भूमिगत जल स्रोतों में पानी की कमी, जहां डार्क जोन होने के कारण सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने से लोग पलायन को मजबूर हैं.
- सिंचाई के लिए यहां लोगों और राजनेताओं की ओर से ईआरसीपी से जोड़ने की मांग है.
- भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में सैंड स्टोन, अभ्रक, ग्रेनाइट, फेल्सपार व सोडा का खनन किया जाता है. यहां नई खनन नीति लाने का बड़ा मुद्दा है.
- वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा में महंगी बिजली होने से वस्त्र उद्यमी पलायन को मजबूर
- वस्त्र नगरी होने के बाद भी टेक्सटाइल पार्क की घोषणा नहीं होने से व्यापारी मायूस.
भाजपा के प्रमुख दावेदार : भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं. वर्तमान सांसद सुभाष बहेड़िया दो बार लगातार सांसद और एक बार 1996 में सांसद रह चुके हैं. ऐसे में प्रमुख रूप से सुभाष बहेड़िया का नाम सबसे अग्रिम पंक्ति में है. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल भी दावेदार हैं. दामोदर अग्रवाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नजदीकी होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी करीबी हैं. दामोदर अग्रवाल को संगठन चलाने का लंबा अनुभव है. वो पूर्व में उत्तर प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव में कई विधानसभाओं के प्रभारी रह चुके हैं.
ये भी हैं दावेदार : पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर राजस्थान की सरकार में मंत्री रहे थे. साथ ही राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में गुर्जर मतदाता अधिक होने के कारण बीजेपी इन पर दांव खेल सकती है. वहीं, शक्ति सिंह कालियास सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष हैं. कालियास प्रमुख कथावाचक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े उत्तम स्वामी महाराज के मुख्य भक्त हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव में पहले भीलवाड़ा जिले के कालियास गांव में भागवत कथा का आयोजन करवाया था. उन्होंने विधानसभा चुनाव में भी आसींद से दावेदारी जताई थी, लेकिन उनको उम्मीदवार नहीं बनाया गया था. इस बार इन्होंने लोकसभा चुनाव में दावेदारी जताई है. वहीं, उम्मेद सिंह राठौड़, रामलाल गुर्जर, हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुईं रिजु झुनझुनवाला सहित कई और दावेदारों के नाम भी सामने आ रहे हैं.
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कांग्रेस पार्टी से प्रमुख दावेदार : कांग्रेस पार्टी से प्रमुख दो दावेदारों के नाम ही सामने आ रहे हैं. पहला नाम है कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी धीरज गुर्जर का और दूसरा नाम है प्रदेश के राजस्व मंत्री रहे रामलाल जाट का. दोनों ही भीलवाड़ा जिले में कांग्रेस के कद्दावर राजनेता हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर अभी तक आचार संहिता लागू नहीं हुई है. हालांकि, दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा व कांग्रेस ने प्रत्याशियों की 2 लिस्ट जारी कर दी है. ऐसे में संभावित दावेदार जयपुर व दिल्ली में आला राजनेताओं से मुलाकात कर दावेदारी जाता रहे हैं.
खनन क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे : भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में बहुतायत मामले में खनन होता है. प्रमुख खनन व्यवसायी सत्यनारायण डीडवानिया का आरोप है कि माइनिंग लीज को ट्रांसफर करने, जमीन की चार गुना डीएलसी रेट का नियम बना रखा है, जो बहुत गलत है. माइनिंग लीज में भूमि का स्थानांतरण नहीं होकर खनिज संपदा का स्थानांतरण होता है. इसमें बदलाव की आवश्यकता है. वहीं, वर्ष 2025 में माइनिंग लीज की अवधि समाप्त होने वाली है सरकार उनकी लीज अवधि 2040 तक कर चुकी है. इसका प्रीमियम प्रत्येक वर्ष लिया जाए.
कांग्रेस नेता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में पहले कांग्रेस पार्टी मजबूत थी. इसी की बदौलत अब तक 18 चुनाव हुऐ, जिसमें 9 बार कांग्रेस जीती. कांग्रेस के सांसदों ने यहां से चुनाव लड़ने के बाद राजस्थान में पहचान बनाई और बड़े पदों पर रहे. भाजपा के युवा नेता प्रभात वर्मा का कहना है कि भीलवाड़ा में पहले कांग्रेस मजबूत थी, लेकिन अब धीरे-धीरे यहां भाजपा मजबूत होती जा रही है. इसकी बदौलत पिछले चुनाव में यहां भाजपा प्रत्याशी वर्तमान सांसद सुभाष बहेड़िया 6 लाख 12000 मतों से विजयी हुए थे.