भरतपुर. लोकसभा चुनाव का परिणाम सामने आ चुका है. राजस्थान में 14 सीट पर भाजपा तो 11 सीटों पर कांग्रेस व अन्य सहयोगी दलों ने जीत हासिल की है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश में लोकसभा चुनावी मैदान में उतरे कुल 266 प्रत्याशियों में से 189 प्रत्याशी नोटा (नॉन ऑफ द एबव/उपरोक्त में से कोई नहीं) से हार गए. यानी नोटा को प्रदेश के 189 प्रत्याशियों से अधिक वोट मिले हैं. राजस्थान में कुल 2,80,246 लोगों ने नोटा का बटन दबाकर सभी प्रत्याशियों को नकारा दिया. इनमें सबसे ज्यादा उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने नोटा को वोट (22,948) दिए.
यहां सबसे ज्यादा नोटा को वोट : निर्वाचन विभाग के आंकड़ों की मानें तो लोकसभा चुनाव 2024 में प्रदेश की जनता ने जमकर नोटा का बटन दबाया. इनमें सबसे ज्यादा नोटा को वोट उदयपुर में 22,948, बांसवाड़ा में 20,970, जालोर में 18,459, बाड़मेर में 17,903 और झालावाड़-बारां में 16,027 मिले.
नोटा से सबसे ज्यादा यहां के प्रत्याशी हारे : प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कुल 266 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन इनमें से 189 प्रत्याशी नोटा के बराबर भी वोट हासिल नहीं कर पाए. लोकसभा क्षेत्र जयपुर ग्रामीण, जोधपुर और कोटा के 13-13 प्रत्याशियों को नोटा ने शिकस्त दी. जबकि अजमेर के 12 प्रत्याशी, जयपुर के 11 प्रत्याशी, चूरू, सीकर, जालौर व चित्तौड़गढ़ के 10-10 प्रत्याशी, पाली के 9, टोंक-सवाई माधोपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा के 8-8 प्रत्याशी, बाड़मेर के 7, गंगानगर, बीकानेर, अलवर के 6-6 प्रत्याशी समेत कुल 189 को नोटा ने पीछे छोड़ दिया.