पूर्व मंत्री शांति धारीवाल का ओम बिरला पर बड़ा हमला कोटा. कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के समर्थन में प्रचार के लिए पूर्व मंत्री और कोटा उत्तर विधायक शांति धारीवाल सोमवार को कोटा पहुंचे. उन्होंने मंगलवार को कोटा उत्तर नगर निगम के 12 वार्डों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संवाद स्टेशन रोड स्थित एक निजी रेस्टोरेंट पर किया. इस बैठक में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि कोटा-बूंदी की जनता ने दो बार सांसद बनाया है. वे 10 साल से सांसद हैं, लेकिन कोई ऐसा काम नहीं करवाया, जिसे जनता के बीच में जाकर वे बता सकें.
धारीवाल ने कहा कि कोटा-बूंदी की जनता बीते 10 साल से ठगी का शिकार हो रही है. ऐसे में अब सबक सिखाने को तैयार बैठी है. धारीवाल ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में हुए विकास कार्यों का जनता को सीधा लाभ मिल रहा है. जबकि वर्तमान भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने से जनता त्रस्त है. हमने कोटा का नक्शा बदल दिया है. अब प्रहलाद गुंजल काम करेगा. इसके बाद हाड़ौती के नक्शे को बदलने का काम होगा.
बिरला को इतनी बड़ी कुर्सी मिली, लेकिन कुछ काम नहीं कर सके : धारीवाल ने कहा कि हमने चार बड़े पुलों का निर्माण हाड़ौती में करवाया था, जिसमें कालीसिंध, परवन, पार्वती और उजाड़ नदी शामिल है. यह काम मैंने इसलिए करवाया, क्योंकि मेरे मन में काम करने की इच्छा थी, लेकिन ओम बिरला के मन में काम करने की इच्छा होती तो आज यह स्थिति नहीं होती. पिछले 5 सालों में इतनी बड़ी कुर्सी उन्हें मिली है. यह राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के बाद तीसरे नंबर की लोकसभा अध्यक्ष की थी. यह चाहते तो क्या कुछ नहीं कर सकते थे. आज जनता हिसाब नहीं मांग रही होती.
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बिरला ने जनता के वोट लेकर अपनी अलग कुर्सी लगवा ली, तो आज आपको बताना पड़ेगा कि आपने क्या-क्या काम किया, लेकिन ओम बिरला एक काम भी नहीं बता सकते हैं. जो उन्होंने इस हाड़ौती की धरती के लिए किया है. मैं 1984 में जब सांसद बना था, तब अंता में एनटीपीसी लाया था. वहीं, गड़ेपान की चंबल फर्टिलाइजर को सवाई माधोपुर में लगाना चाहते थे, लेकिन मैंने राजीव गांधी से शिकायत की और कहा कि रणथंबोर सेंचुरी है. इसीलिए यह कोटा जिले में स्थापित हुई.
बीजेपी ज्वाइन करने वालों पर कंसा तंज, पीछे की कुर्सी भी नहीं मिल रही : शांति धारीवाल ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले नेताओं पर भी तंज कंसते हुए कहा कि चले जाओ कोई दिक्कत नहीं है. जिसको जाना है वह जाएगा, लेकिन जिंदगी भर कांग्रेस के रहे व कांग्रेस की वजह से तुम्हारा अस्तित्व था. चाहे पंकज मेहता हों, मेयर राजीव अग्रवाल राजू भारती या पूर्व जिला अध्यक्ष पंडित गोविंद शर्मा हों. उनकी कांग्रेस में क्या वक्त थी और कांग्रेस के नाम से जाने जाते थे. भाजपा में जाने के बाद आज ऐसी हालत हैं कि पीछे की सीट भी नहीं मिलती है.
बीजेपी वालों को रावण जैसा अहंकार, 2 करोड़ खर्च कर हर घर में लगवा रहे झंडा : धारीवाल ने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि हम सब सनातनी हैं और भगवान राम सबके हैं, लेकिन बीजेपी वाले रावण जैसा अहंकार रखकर भगवान श्रीराम के आदर्श को अपने से परहेज कर रही है. भाजपा चुनाव में अलग-अलग पेतरें आजमा कर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन जनता बीजेपी का असली चेहरा जान चुकी है. जहां केवल जुमले ही जुमले हैं. विकास, रोजगार, किसान, युवा व महिलाओं से बीजेपी का सरोकार नहीं है.
हिंदू सनातन को मानेंगे और मानते भी हैं. उन्होंने बिना नाम लिए हमला करते हुए कहा कि हर घर पर झंडा लगाने के लिए दो करोड़ का ठेका दिया है. अब घर-घर में जाकर यह केसरिया झंडा लगा रहे हैं. सभी हिंदू सनातन को मानेगा, यह हिंदू व सनातन के ठेकेदार थोड़ी बन गए हैं. बार-बार सनातन खतरे में होने की बात कहते हैं, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. संवाद कार्यक्रम में महापौर मंजू मेहरा, उपमहापौर सोनू कुरेशी, पूर्व उपमहापौर राकेश सोरल, डॉ. जफर मोहम्मद, पीसीसी महासचिव अमित धारीवाल सहित कई लोग मौजूद थे.