लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 के रिजल्ट आने के बाद सपा और कांग्रेस का मनोबल बढ़ा हुआ है. दोनों ही पार्टियों के नेता इस गठबंधन को लेकर काफी उत्साहित हैं. साथ ही उनका मानना है कि यह गठबंधन 2027 में भी कमाल करेगा. दरअसल, कांग्रेस के साथ ने सपा के उस नुकसान की भरपाई कर दी है, जो उसने 2019 के चुनाव में उठाया था.
2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. चुनाव परिणाम में सपा को मात्र 5 सीटों पर संतोष करना पड़ा था और बहुजन समाज पार्टी को सहयोगी पार्टी से दोगुनी यानी 10 लोकसभा सीटों पर सफलता प्राप्त हुई थी. तब यह बात सामने आई थी कि अखिलेश को बसपा से गठबंधन करना नुकसान उठाने जैसा रहा और सपा को इसका खामियाजा उठाना पड़ा था. इसके पीछे यह बात सामने आई कि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक नहीं मिल पाया था. जबकि समाजवादी पार्टी का कोर वोटर मुस्लिम और यादव बसपा के प्रत्याशियों की तरफ खुल कर गया. यही कारण था कि बसपा की सीटों की संख्या 10 तक जा पहुंची, लेकिन सपा को खामियाजा उठाना पड़ा. उसे मात्र पांच सीटों पर ही संतोष करना पड़ा.
हो गई नुकसान की भरपाई
अब 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा से दूरी बनाए रहे और कांग्रेस से गठबंधन किया. इससे 2019 के लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपूर भरपाई हो गई. समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश के इतिहास में अब तक सबसे ज्यादा लोकसभा सीट जितने में सफलता मिली है. सपा को 37 सीटें जबकि कांग्रेस पार्टी को 6 सीटें मिली हैं. यह जीत अब तक की सपा के लिए गठबंधन राजनीति की बड़ी जीत बताई जा रही है. वोट परसेंटेज की बात की जाए तो 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 33% से अधिक वोट प्राप्त हुए हैं. यह समाजवादी पार्टी के लिए बहुत बड़ी सियासी सफलता के रूप में माना जा रहा है. इससे पहले समाजवादी पार्टी को कभी इतनी बड़ी जीत नहीं मिल पाई.