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दुर्ग के दंगल में कौन मारेगा बाजी, विजय बनेंगे विजेता या राजेंद्र की लगेगी लॉटरी - LOK SABHA ELECTION 2024

दुर्ग लोकसभा सीट हमेशा से छत्तीसगढ़ की सियासत में हॉट सीट रही है. दुर्ग का किला फतह करने के लिए दोनों ही दल हमेशा से एड़ी चोटी का जोर लगाते रहे हैं. दुर्ग लोकसभा सीट से सियासी दिग्गजों का इतिहास जुड़ा रहा है.

LOK SABHA ELECTION 2024
दुर्ग लोकसभा का दंगल

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 28, 2024, 6:32 PM IST

दुर्ग: दुर्ग लोकसभा सीट के भीतर भीतर 9 विधानसभा सीटें आती हैं. जिसमें पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग सिटी, भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिरवारा, साजा, बेमेतरा, नवागढ़ शामिल है. दुर्ग लोकसभा सीट से भूपेश बघेल के राजनीतिक गुरु चंदूलाल चंद्राकर और मोतीलाल वोरा, ताराचंद साहू जैसे राजनीति दिग्गज चुनावी मैदान में अपना सियासी हुनर दिखा चुके हैं. दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से आने वाले राजनीतिक दिग्गज हमेशा से संसद और विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. एक तरह से कहें तो दुर्ग से जीते नेताओं का वर्चस्व हमेशा से विधानसभा में भी रहा है और संसद में प्रतिनिधित्व भी.

कैसे बना दुर्ग शहर:रायपुर से अलग होकर दुर्ग जिला 1906 में बना. जिसके बाद साल 1973 में जिले का विभाजन हुआ और राजनांदगांव जिला बना. वर्ष 1955 में देश को तरक्की की राह पर ले जाने और नेहरु जी के सपने को साकार करने के लिए भिलाई स्टील प्लांट की स्थापना की गई. भिलाई स्टील प्लांट से दुर्ग को एक नई पहचान मिली. दुर्ग स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा और तकनीकी के क्षेत्र में उभरते शहर के रुप में जाना जाने लगा. छत्तीसगढ़ में दुर्ग को सबसे तेजी से उभरते और विकसित होते शहरों में गिना जाता है. दुर्ग सिटी में बड़ी संख्या में बाहर से आकर भी लोग बसे हैं. प्लांट होने की वजह से या बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से आकर लोग बसे. वर्तमान में दुर्ग की आबादी 33 लाख से ज्यादा है.

दुर्ग लोकसभा का दंगल

दुर्ग के मुद्दे:गर्मी के दिनों में दुर्ग में पानी की दिक्कत पिछले कई सालों में तेजी से बढ़ी है. युवाओं में तेजी से बढ़ती बेरोजगारी भी यहां के लिए इस बार बड़ा चुनावी मुद्दा है. युवा रोजगार की तलाश में बाहर जाने को मजबूर है. भिलाई स्टील प्लांट होने के बावजूद युवाओं को उतनी संख्या में नौकरी नहीं मिल पा रही है. शहर की साफ सफाई की व्यवस्था को लेकर भी लंबे वक्त से लोग नाराज हैं. लोगों की हमेशा से शिकायत रही है कि शहर के कई इलाकों में गंदगी का अंबार लगा होता है जिसकी समय पर सफाई नहीं होती. अपराध का बढ़ता ग्राफ भी शहर की सबसे बड़ी समस्याओं में शामिल है.

दुर्ग लोकसभा का दंगल

2019 में बीजेपी ने मारी थी बाजी: 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विजय बघेल ने कांग्रेस की प्रतिमा चंद्राकर को भारी मतों के अंतर से हराया था. विजय बघेल को यहां 61 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे जबकी कांग्रेस को महज 32 फीसदी वोट मिले. साल 2014 में बीजेपी को इस सीट से परास्त कर कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू संसद में पहुंचे थे. साहू ने बीजेपी की दिग्गज नेता सरोज पांडेय को करारी शिकस्त दी थी. 2014 में मोदी लहर में भी ताम्रध्वज साहू दुर्ग लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रहे थे.

दुर्ग लोकसभा का दंगल
दुर्ग लोकसभा का दंगल

2024 में क्या है सियासी समीकरण:लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से विजय बघेल को फिर से मौका दिया है. जबकी कांग्रेस ने इस सीट से अपने जमीनी कार्यकर्ता राजेंद्र साहू को टिकट दिया है. कांग्रेस पार्टी ने इस बार बीजेपी के दिग्गज नेता विजय बघेल के सामने अपने सबसे मजबूत कार्यकर्ता को फाइट में उतारा है.

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