लखनऊ: स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य के लिए टिकट की संभावना उनके समाजवादी पार्टी छोड़ने के साथ ही कुछ बढ़ गई है. संघमित्रा उन नेताओं में शामिल हैं, जिनके निकट रिश्तेदार अन्य दलों में हैं. समाजवादी पार्टी में गए मयंक जोशी की मां रीता बहुगुणा जोशी और वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी के टिकट के लिए भाजपा में स्पष्ट लाल झंडी हो चुकी है.
यह बात दीगर है कि मेनका गांधी और रीता बहुगुणा जोशी इस बात का पूरा प्रयास कर रही हैं कि उनको एक बार फिर से उनकी संसदीय सीट से टिकट भारतीय जनता पार्टी दे दे. लेकिन, आने वाले समय में यह देखने वाला होगा कि भारतीय जनता पार्टी की सियासत में रिश्तों की डोर बंधेगी या सियासत इन रिश्तों की डोर को तोड़ देगी.
संघमित्रा मौर्य का क्या होगा भविष्य:2019 के लोकसभा चुनाव में संघमित्रा मौर्य ने बदायूं लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के नेता धर्मेंद्र यादव को पराजित किया था. संघमित्रा मौर्य समाजवादी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर चुके स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं. जिस समय 2019 में संघमित्रा सांसद बनी थीं, स्वामी प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी के कोटे से विधानसभा सदस्य थे और उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री भी थे.
2022 के लोकसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़ दिया था और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा मगर वह पराजित हो गए थे. इसके बाद में लगातार संघमित्रा मौर्य को भारतीय जनता पार्टी में असमंजस भरे हालातों का सामना करना पड़ा है. इसके बावजूद वे भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक कार्यों में लगातार जुटी रहीं. पार्टी के भीतर उनका माहौल अच्छा है और स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी छोड़ने के बाद वह और भी बेहतर स्थिति में आ गई हैं.