देहरादून (रोहित सोनी): उत्तराखंड के सभी मेडिकल कॉलेजों में लाइफ स्टाइल क्लीनिक बनाए जाएंगे. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के स्तर से कवायद शुरू हो गई है. देश से कई राज्यों में भी इस तरह के क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है. ताकि लोगों को इस बात की जानकारी दी जा सके कि दवाइयों का सेवन किए बिना ही अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए किस तरह से अपनी आदतों में बदलाव कर सकते हैं. ऐसे में क्या होगा लाइफ स्टाइल क्लीनिक का स्वरूप, मरीजों को कैसे मिलेगा इसका लाभ, लाइफ स्टाइल क्लीनिक में क्या- क्या सुविधाएं जनता को मिलेंगी? पेश है ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट.
मेडिकल कॉलेजों में खुलेंगे लाइफ स्टाइल क्लीनिक: दरअसल, साल 2022 के अगस्त महीने में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी पहल करते हुए दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जीवनशैली क्लीनिक (Lifestyle Clinic) बनाया था. इसका बेहतर रिस्पांस मिलने के बाद अब, प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में लाइफ स्टाइल क्लीनिक बनाने का निर्णय लिया है. लाइफ स्टाइल क्लीनिक इस वजह से भी काफी महत्वपूर्ण माने जा हैं कि लोगों के इलाज के साथ ही बेहतर ढंग से काउंसलिंग की जा सके. साथ ही लोगों को उनकी बीमारियों से लड़ने के प्रति मजबूत करते हुए स्वस्थ रहने के लिए तमाम जरूरी टिप्स दिए जा सकें.
मेडिकल कॉलेजों में खुलेंगे लाइफ स्टाइल क्लीनिक (VIDEO- ETV Bharat) ये हैं 5 लाइफ स्टाइल बीमारियां: दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में संचालित लाइफ स्टाइल क्लीनिक में पांच बड़ी बीमारियों का इलाज दवाइयों के साथ किया जाता है. इन बड़ी बीमारियों में उच्च रक्त चाप (High Blood Pressure), मधुमेह (Diabetes), मोटापा (Obesity), मांसपेशियों एवं जोड़ों का दर्द (Muscle & Joint Pain) और मानसिक तनाव (Mental Stress) शामिल हैं. इन बीमारियों से ग्रसित मरीज संबंधित डॉक्टर्स से परामर्श लेने के बाद लाइफ स्टाइल क्लीनिक में जाते हैं. ऐसे में लाइफ स्टाइल क्लीनिक में मौजूद डॉक्टर्स उनको समय पर दवाइयां लेने की सलाह देने के साथ ही उनकी काउंसलिंग भी करते हैं. साथ ही आदतों में बदलाव संबंधित तमाम जानकारियां भी देते हैं.
ये हैं लाइफ स्टाइल बीमारियां (ETV Bharat Graphics) दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय का प्रयोग हुआ सफल:स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि लाइफ स्टाइल डिजीज आजकल काफी अधिक प्रचलन में हैं. वर्तमान समय में कम्युनिकेबल डिज़ीज़ (Communicable Diseases) से अधिक नॉन कम्युनिकेबल डिज़ीज़ (Non Communicable Diseases) यानी लाइफ स्टाइल डिज़ीज़ (Lifestyle Diseases) की संख्या काफी बढ़ रही है. इसको देखते हुए दो साल पहले एक्सपेरिमेंट बेसिस पर दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में जीवनशैली क्लीनिक (Lifestyle Clinic) की स्थापना की गई थी.
लाइफ स्टाइल क्लीनिक में रहते हैं ये स्पेशलिस्ट: स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि क्लीनिक में लाइफ स्टाइल डिज़ीज़ से संबंधित स्पेशलिस्ट तैनात किए गए थे. ताकि मरीजों के इलाज के साथ ही काउंसलिंग भी किया जाए. इसके लिए दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में बनाए गए इस क्लीनिक में डाइटिशियन (Dietitian), कार्डियोलॉजिस्ट (Cardiologist), साइकोलॉजिस्ट (Pshycologist) और काउंसलर (Counsellor) की तैनाती की गई. इस पूरी कवायद का काफी अच्छा रिस्पांस मिला. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग की कोशिश है कि अन्य मेडिकल कॉलेजों श्रीनगर और हल्द्वानी में भी जीवनशैली क्लिनिक (Lifestyle Clinic) की स्थापना की जाए.
लाइफ स्टाइल क्लीनिक के फायदे (ETV Bharat Graphics) लाइफ स्टाइल बीमारी पीड़ितों की होती है काउंसिलिंग:जीवनशैली क्लीनिक की डाइटिशियन डॉ ऋचा कुकरेतीने बताया कि जीवनशैली क्लीनिक का उद्देश्य ये है कि जो तमाम मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं, उनकी काउंसलिंग की जाए. इसके लिए लाइफ स्टाइल डिज़ीज़ को लेकर एक पैनल तैयार किया है. इसका उद्देश्य यही है कि जो मरीज आ रहे हैं, उनकी काउंसलिंग कर उनको संतुष्ट किया जाए. साथ ही बताया कि मरीज अलग से पर्चा बनाकर क्लिनिक में आते हैं. ऐसे ने उनसे उनकी बीमारी संबंधित जानकारियां लेते हुए केस स्टडी तैयार की जाती है. इसके बाद मरीज की बीमारी के आधार पर काउंसलिंग की जाती है. साथ ही बताया कि जीवनशैली क्लीनिक में रोजाना करीब 10 से 15 मरीज पहुंच रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री लाइफ स्टाइल क्लीनिक की सफलता से खुश:स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि एक एक्सपेरिमेंट बेसिस पर दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में लाइफस्टाइल क्लीनिक स्थापित किया गया था. इसका बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है. ऐसे में अब प्रदेश में मौजूद सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में भी लाइफ स्टाइल क्लीनिक स्थापित करने जा रहे हैं. इससे लोगों को काफी अधिक फायदा मिलेगा.
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