जयपुर. उपभोक्ता मामलात विभाग मंत्री सुमित गोदारा ने राज्य को कंज्यूमर फ्रेण्डली बनाने की दिशा में नई पहल की है. उन्होंने लाइसेन्सिंग एवं निरीक्षण प्रक्रिया को सरलीकृत कर कम्प्यूटराइज्ड करने के निर्देश दिए हैं, ताकि राज्य में लाइसेन्सिंग प्रक्रिया भयमुक्त और जवाबदेह हो सके.
गोदारा ने बताया कि इस पहल पर उपभोक्ता मामलात विभाग ने इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है. इसके लिए उपभोक्ता मामलात विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत ने आदेश जारी किए हैं. आदेश के तहत विधिक माप विज्ञान के अन्तर्गत ऑनलाइन संचालित बाट या माप विनिर्माता, व्यवहारी एवं मरम्मतकर्ता के लाइसेन्स नवीनीकरण की तीनों सेवाओं को निर्धारित देय शुल्क ऑनलाइन जमा कराना होगा. इसके बाद तत्काल स्वतः कम्प्यूटराइज्ड व्यवस्था से पात्र (Eligible) अनुज्ञापत्र धारकों का नवीनीकरण किया जा सकेगा.
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प्रमुख शासन सचिव सावंत ने निरीक्षण और जांच व्यवस्था को भी समयबद्ध और पारदर्शी बनाने के क्रम में निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि यह इन्सपेक्टर राज समाप्ति के दिशा में एक बड़ा कदम है. इसके अनुसार अधिकारियों की ओर से किए जाने वाले निरीक्षण अब कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था से आवंटित होंगे और 48 घन्टे के भीतर रिपोर्ट पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड की जाएगी. निरीक्षण और प्रवर्तन कार्रवाई गुणवत्ता पूर्ण होगी. इसके लिए विभाग ने 9 बिन्दुओं का निर्धारण किया है. इनको पूरा किया जाना आवश्यक होगा. इसके अलावा शिकायत के आधार पर किए जाने वाले निरीक्षण जांच का निस्तारण 30 दिन की अवधि में आवश्यक रूप से किया जाएगा और निरीक्षण के दौरान शिकायतकर्ता को भी सूचित किया जाएगा.