लखनऊ: परिवहन विभाग धीरे-धीरे अपनी सभी सेवाएं ऑनलाइन करता जा रहा है. हालांकि ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में परिवहन विभाग की ऑनलाइन सेवाओं का भी आवेदकों को ज्यादा फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें ठगी का शिकार होना पड़ रहा है.
साइबर कैफे से लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस अप्लाई करने पर फीस के अलावा कई हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. ऐसे में अब आवेदकों की समस्या को देखते हुए परिवहन विभाग भारत सरकार के जन सुविधा केंद्रों से टाइअप करने की योजना बना रहा है. जल्द ही परिवहन विभाग के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे. जिसमें परिवहन विभाग से संबंधित ज्यादातर काम जन सुविधा केंद्रों पर कराए जा सकेंगे. आवेदन की अधिकतम फीस 30 निर्धारित की जा रही है.
जन सुविधा केंद्र के स्टेट हेड राजेश मिश्रा और आवेदकों ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat) परिवहन विभाग में ऑनलाइन सेवाएं नहीं हैं सुचारूःबता दें कि परिवहन विभाग में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के अलावा पता बदलने, लर्नर लाइसेंस में फोटो व साइन बदलना, डुप्लीकेट लर्नर लाइसेंस जारी करना, डीएल का नवीनीकरण, डीएल से में बायोमेट्रिक बदलना, डीएल में फोटो का साइन बदलना, वाहन का श्रेणी समर्पण, कंडक्टर लाइसेंस का नवीनीकरण, डुप्लीकेट कंडक्टर लाइसेंस तैयारी करना, कंडक्टर लाइसेंस निकलवाने का प्रावधान करना, पता बदलना, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जमा करना, रजिस्ट्रेशन में पता बदलना जैसी सेवाएं वर्तमान में परिवहन विभाग में ऑनलाइन हैं. हालांकि परिवहन विभाग के पोर्टल की तकनीकी खामियों और एनआईसी के सर्वर के ज्यादातर स्लो होने से आवेदकों की सुविधा के लिए शुरू की गई ऑनलाइन सेवाएं आवेदकों के लिए ही दिक्कत का कारण बन रही है. आरटीओ से कोई मदद न मिलने के कारण लोग साइबर कैफे के चक्कर लगाते हैं और यहां पर वे ठगी का शिकार हो जाते हैं. इसलिए अब परिवहन विभाग जन सुविधा केंद्रों पर परिवहन विभाग के कामों से संबंधित सेवाएं शुरू करने का प्लान बना रहा है.
जल्द ही मिलने लगेगी सुविधाएंःअपर परिवहन आयुक्त (आईटी) सुनीता वर्मा का कहना है कि परिवहन विभाग की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ आवेदकों को मिले. इसके लिए अब जन सुविधा केंद्रों पर भी परिवहन विभाग से संबंधित सेवाओं को शुरू करने की योजना है. आवेदकों के आवेदन करने की सुविधा जन सुविधा केंद्रों पर आने वाले दिनों में मिलेंगी. इसके लिए बातचीत चल रही है. बहुत जल्द सब फाइनल हो जाएगा.
परिवहन विभाग और जनसुविधा केंद्र के बीच चल रही बातचीतःजन सुविधा केंद्र के स्टेट हेड राजेश मिश्रा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कुल एक लाख 32000 के आसपास सेंटर हैं, जो काम कर रहे हैं. विभिन्न योजनाओं की सर्विसेज यहां पर मिल रही हैं. 300 से 400 सर्विसेज यहां पर मिलती हैं. बैंकिंग, इंश्योरेंस, आधार पीएम योजना से रिलेटेड जितनी स्कीमें हैं उनकी सुविधा मिलती है. आयुष्मान, विश्वकर्मा, रजिस्ट्रेशन, खतौनी, ई डिस्ट्रिक्ट सेवा, रेल टिकट, बस टिकट, फ्लाइट टिकट, किसी भी प्रकार की सेवा जो भी हम लोग गांव के लोग को जरूरत है, वह देते हैं. लोन भी किसी को लेना है तो उससे संबंधित भी यहां से सारी सेवाएं होती हैं. अकाउंट खोलना है तो उसके सेंटर हैं. आधार के 5800 सेंटर हैं, जहां पर आधार अपडेट हो सकते हैं. हर एक पंचायत में एक सेंटर उपलब्ध है. ज्यादातर गांव में भी उपलब्ध हैं. लखनऊ में में 1400 के आसपास एक्टिव सेंटर हैं. राजेश मिश्रा का कहना है कि हमारे पास परिवहन विभाग से संबंधित कामों के लिए भी बात चल रही है. विभाग से हम संपर्क में हैं. विभाग का जैसा भी आदेश होगा वह पूरा किया जाएगा. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए विभाग कहेगा तो वह जरूर किया जाएगा.
ठगी का शिकार नहीं होंगे लोगःजन सुविधा केंद्रों पर डीएल आवेदन की सुविधा शुरू किए जाने की परिवहन विभाग की योजना पर आवेदक आशीष का कहना है कि इस सुविधा से बहुत फायदा होगा. जो लोग साइबर कैफे से जाकर लाइसेंस से संबंधित अपना काम कराते हैं, उनसे अतिरिक्त पैसे की वसूली की जाती है. इतना ही नहीं कभी ओटीपी नहीं आता है तो कभी फोटो मैच नहीं होता है और भी समस्याएं आती हैं. जन सुविधा केंद्र पर इन सभी समस्याओं का हल निकलेगा. लोग ठगी का शिकार नहीं होंगे.
भटकना नहीं पड़ेगाःआवेदक मुकुंद वर्मा का कहना है कि हम लोग बाहर से आते हैं तो साइबर में जाना होता तो बहुत सारी दिक्कतें होती हैं. पैसे ज्यादा लेते हैं. जनसुविधा केंद्रों पर पैसे कम लेंगे. हमें कहीं भटकना नहीं पड़ेगा और तुरंत काम हो जाएगा. डायरेक्ट जो भी आएगा उसका आराम से काम हो जाएगा तो जन सुविधा केंद्र पर यह सुविधा शुरू होने से लोगों को काफी राहत मिलेगी.
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