जयपुर.राजस्थान की 16वीं विधानसभा के पहले सत्र में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में अपने विचार रखे. उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं और नीतियों की खूबियां गिनाने के साथ ही राजस्थान की पर्ची से लेकर मोदी की गारंटी तक हर मुद्दे के बहाने भाजपा पर निशाना साधा. ईआरसीपी, राजीव गांधी युवा मित्र सहित अन्य मुद्दों पर भी सरकार से जवाब मांगा.
उन्होंने महात्मा गांधी को याद कर अपने संबोधन की शुरुआत की और कहा कि आज ही के दिन उनकी हत्या की गई. एक विचारधारा के लोग जिन्होंने गांधी जी को मार दिया. लेकिन उनकी विचारधारा को नहीं मार सके. महात्मा गांधी पर गोली चलाने वाले की तारीफ होती है. जयंती मनाई जाती है. हमारी पार्टी ने पहली बार किसी दलित को नेता प्रतिपक्ष बनाया. मुझे दुख हुआ जब राज्यपाल से यहां असत्य वाचन करवाया गया. छह महीने पहले उन्होंने इसी सरकार की इसी सदन में तारीफ की थी. आमतौर पर विभागों से जानकारी मांगी जाती है और मंत्रिमंडल अभिभाषण तैयार करता है. लेकिन इस बार ऐसा लगा कि जैसे पर्ची दिल्ली से आई. वैसे ही अभिभाषण भी दिल्ली से आया.
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उन्होंने कहा कि विडंबना है कि 100 दिन की कार्ययोजना बनाई जा रही है. कैबिनेट की एक मीटिंग हुई है. वो भी इस अभिभाषण के लिए. 100 दिन में जनता को क्या देंगे? दिल्ली से पर्यवेक्षक राय शुमारी करने आए थे. लेकिन राय लेने के बजाए एक पर्ची पकड़ा दी. हमारे यहां बैठक हुई और सब लोगों ने मेरा नाम लिया नेता प्रतिपक्ष के लिए. लेकिन आपके यहां जिनको पर्ची दी गई. वो ये सोच रहे थे कि इसमें मेरा नाम है.
विधायकों के व्यवहार पर जताई आपत्ति: उन्होंने भाजपा विधायकों के चुनाव जीतने के बाद वायरल हुए वीडियो को लेकर भी चुटकी ली और कहा कि आमतौर पर जीत की खुशी होती है. लेकिन यहां जीत की खुमारी हो गई. कोई डॉक्टर को शाप दे रहा है, तो कोई महिला अधिकारी को नौकरी की धमकी देते हैं. यह आपकी मानसिकता दर्शाती है. कोई विधायक समारोह में अधिकारियों को धमकाते हैं. कोई सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हैं.
मंत्री के चैंबर से गांधी-अंबेडकर गायब: टीकाराम जूली ने कहा कि आपके मंत्री यहां तो गांधीजी को नमन करते हैं. लेकिन अपने चैंबर से महात्मा गांधी और बाबा साहेब की तस्वीर को ही गायब कर दिया. शर्म आती है ऐसी सोच पर. जिनको जनता ने दुत्कार दिया. वे भी अपने आपको विधायक ही मान रहे हैं. उनका भी ध्यान रखना.