जयपुर. राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव का बिगुल बजने के साथ ही सियासी बयानबाजी जोर पकड़ने लगी है. भाजपा और कांग्रेस नेता एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं. अब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने यह कहकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है कि भाजपा सातों सीट हारने जा रही है. अभी से बहाने खोजने में लगी है. उन्होंने आज बयान जारी कर कहा, प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर उप चुनाव में अपनी हार सामने देख भाजपा को लोकसभा चुनाव में राज्य में हुई पराजय याद आने लगी है. सातों सीटों पर उप- चुनाव में हारने जा रही भाजपा अभी से बहाने खोजने लगी है.
बौखला गए भाजपा के नेता-मंत्री :टीकाराम जूली ने कहा, 'नाच न जाने आंगन टेढ़ा' की कहावत भाजपा सरकार चरितार्थ कर रही है. अपनी भावी पराजय के दबाव से भाजपा के मंत्री, नेता बौखला गए हैं. इसके साथ ही जलदाय मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी की नाराजगी की बात कहकर इशारा कर दिया है कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं है. भाजपा भूल गई है कि लोकतंत्र में जनता जर्नादन होती है और जुमलों की राजनीति ज्यादा समय तक नहीं चलती.
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मंत्री बोले- मोदी हुए थे नाराज : जूली बोले, जलदाय मंत्री कह रहे हैं कि राज्य में लोकसभा सीटें हारने पर प्रधानमंत्री मोदी नाराज हुए थे. जलदाय मंत्री यह भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने कहा कि इतना पैसा देने के बाद भी भाजपा को सीटों का नुकसान हुआ. जलदाय मंत्री का यह बयान दर्शाता है कि भाजपा का लोकतंत्र में भरोसा नहीं है. वह सरकारी खजाने के जरिए चुनाव जीतना चाहती थी, लेकिन राजस्थान की स्वाभिमानी जनता प्रधानमंत्री मोदी के लुभावने जुमलों में नहीं आई.
अब उपचुनाव में जनता फिर सिखाएगी सबक : उन्होंने कहा, राजस्थान स्वाभिमान का पर्याय है. यहां के किसान और युवा अग्निवीर योजना के जरिए युवाओं के साथ खिलवाड़, ईआरसीपी के नाम पर प्रदेश की जनता से छलावा, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद करने की भाजपा सरकार की कोशिशों, बेरोजगारों से छलावा, महिला उत्पीड़न, दलित और आदिवासी समाज की उपेक्षा, प्रदेश में बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार आदि वजह से खफा थे और जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाया. अब एक बार फिर सातों विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव में सबक सिखाएगी.
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भाजपा में अंतर्कलह चरम पर : जूली बोले, भाजपा ने प्रदेश में सरकार में आने के बाद दिल्ली की पर्ची से राज चलाने की कोशिश की. सरकार को सर्कस बना दिया. यू-टर्न सरकार की सबसे पसंदीदा नीति बन गई है. भाजपा ने सरकार बनने के बाद जो सौ दिन की कार्ययोजना बनाई थी, वह धरातल पर नहीं उतरी. भाजपा में अंर्तकलह चरम पर है और सत्तारूढ़ दल के विधायक तक कह रहे हैं कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. अगर प्रधानमंत्री मोदी इन तथ्यों पर गौर करें तो उन्हें मालूम चल जाएगा कि राजस्थान में भाजपा सरकार इतनी अलोकप्रिय क्यों हो गई है. प्रदेश के सभी वर्गों का भाजपा पर से भरोसा उठ गया है.