रांची: मांडर विधानसभा के सरवा पंचायत की मुखिया प्रभा किस्फोट्टा को निलंबित कर पदच्युत कर दिया गया है. इसका विरोध करते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी के नेतृत्व में मुखिया संघ का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मिला और न्यायोचित कार्रवाई की मांग की.
मुखिया खुद एक जनप्रतिनिधि हैं और उनपर किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता का आरोप नहीं है. साथ ही झारखंड में बिना कारण किसी जनप्रतिनिधि को निलंबित करने का कोई भी प्रावधान नहीं है और ना ही कोई नियमावली है. नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि महामहिम राज्यपाल ने इस मामले को गंभीरता पूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार और जिला अधिकारी से मामले की जानकारी लेंगे और न्यायोचित कार्रवाई करेंगे.
वहीं, प्रभा किस्फोट्टा ने बताया कि उन्हें साजिश के तहत बिना किसी कारण झूठे आरोप लगाकर मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की और उनके पिता पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने सरकार में दबाव बनाकर निलंबित करवा दिया. जबकि उनके पंचायत में कई वर्षों से किसी प्रकार का कोई भी विकास कार्य नहीं किया जा रहा. ऐसे में जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई तो साजिश के तहत विधायक और पूर्व विधायक ने उन्हें निलंबित करवा दिया.
प्रभा किस्फोट्टा ने बताया कि ग्राम पंचायत सरवा के अंतर्गत ग्राम पचपदा में सरना स्थल का कल्याण विभाग से सौदर्यकरण का कार्य स्वीकृत हुआ था. जिसका शिलान्यास का कार्यक्रम दिनांक 04.09.2023 को निर्धारित था जिसमें मुख्य अतिथि सांसद सुदर्शन भगत को बुलाया गया था और उनके द्वारा विधिवत रूप से शिलान्यास का कार्यक्रम किया गया. इस बात से खफा हो कर स्थानीय विधायक शिल्पी नेहा तिर्की और उनके पिता बंधु तिर्की ने उन्हें गंदी गालियां दी और पद से हटाने की धमकी दी थी.
दिनांक 04.07.24 को उपायुक्त कार्यालय स्पष्टीकरण हेतु चिट्ठी निकाला गया जिसमें प्रत्यक्ष रूप से 15 दिनों के अन्दर मुझे अपना पक्ष रखने का समय दिया गया लेकिन विधायक के दबाव में आकर उपायुक्त ने 5 दिनों के अंदर 09.07.24 को ही निलंबित कर दिया.