पुलिस की अपील पर नहीं देते लोग ध्यान (वीडियो ईटीवी भारत अलवर) अलवर: जिले में क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है. सामान्य जुर्म के साथ ही लूट, हत्या, फायरिंग, गैंगस्टर अपराध में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बढ़ते अपराध पुलिस के लिए चुनौती बन रहे हैं. पुलिस की ओर से खुलासे में कई बड़ी आपराधिक घटनाओं में बाहरी लोगों की संलिप्तता पाई गई है. यही कारण है कि पुलिस की ओर से बार -बार लोगों से अपने किराएदार, कर्मचारी एवं घरेलू कार्य करने वाले नौकरों की समय पर पुलिस को जानकारी की अपील की गई, लेकिन मकान मालिकों ने इसमें रूचि नहीं दिखाई. इसके चलते पुलिस के लिए बाहरी लोगों में अपराधियों की पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है. पिछले दिनों चौपानकी थाना क्षेत्र के सारेकलां गांव के जंगलों में पकड़े गए आतंकी मोडयूल के संदिग्धों के मामले में भी कुछ ऐसे ही कारण सामने आए हैं.
जिले में लूट, चोरी, हत्या, फायरिंग व अन्य आपराधिक घटनाओं में पिछले दिनों बढ़ोतरी हुई है. ऐसी कई आपराधिक घटनाओं में किराएदारों, संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी या घरों पर कार्य करने वाले नौकरों की संलिप्तता पाई गई है. कई घटनाओं के तार जिले में किराए पर कमरा लेकर रहने वाले लोगों से भी जुड़े मिले हैं. इस समस्या का बड़ा कारण मकान मालिकों की ओर से अपने किराएदारों का समय पर पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराना रहा है. पुलिस की ओर से किराएदारों का पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य किए जाने के बाद भी ज्यादातर लोग इसमें रूचि नहीं दिखा रहे हैं. नतीजतन मोटी रकम चुकाकर कई खूंखार अपराधी भी किराए पर मकान लेकर आसानी से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे जाते हैं. लोगों के घरों में आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों के रहने का पता तब चलता है, जब वे पुलिस की ओर से किसी आपराधिक मामले में पकड़े जाते हैं.
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घर पर कौन किराएदार, मकान मालिक को पता ही नहीं: घर में किराए पर कौन रह रहा है, इसका ज्यादातर मकान मालिकों को पता नहीं रहता और न ही वे इसका पता लगाने का प्रयास भी नहीं करते हैं. शहरी क्षेत्रों में इन दिनों मोटी रकम के लालच में किराए पर मकान, कमरा आदि दिए जाने का ट्रेंड बढ़ रहा है. लोग बिना पूछताछ के अपना मकान व कमरा आदि किराए पर दे रहे हैं. लोगों का इस बात पर भी ध्यान नहीं रहता कि किराएदार के बारे में नजदीकी पुलिस थाने में सूचना दी जाए. इस कारण ज्यादातर किराएदारों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हो पाता और पुलिस व मकान मालिक अपराधियों की मौजूदगी से बेखबर रहते हैं. यही कारण है कि अलवर जिले में कुछ प्रतिशत मकान मालिक की ओर से ही अपने किराएदारों का पुलिस सत्यापन हो पाता है. कुछ इसी तरह के हालात भिवाड़ी, नीमराणा आदि औद्योगिक क्षेत्रों के हैं.
पुलिस की अपील पर नहीं देते लोग ध्यान:अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा का कहना है कि पुलिस की ओर से किराएदारों के सत्यापन की प्रक्रिया चलती रहती है. समय-समय पर पुलिस लोगों से अपने किराएदारों, कार्य करने वाले कर्मचारी, घरेलू नौकर आदि की सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन पर देने की अपील की जाती रही है. इसके बाद भी लोग अपने यहां रहने वाले किराएदारों व कर्मचारियों के पुलिस वेरिफिकेशन को लेकर जागरूक नहीं है. पुलिस अधीक्षक ने लोगों से अपने यहां रहने वाले एवं कार्य करने वाले लोगों की जानकारी नजदीकी पुलिस थाने में देने की अपील की है, जिससे पुलिस की ओर से ऐसे लोगों का समय पर वेरिफिकेशन कराया जा सके.