जयपुर: भजनलाल सरकार की ओर से बुधवार को विधानसभा में पेश किए गए बजट को विपक्ष ने केवल घोषणाओं का पुलिंदा बताया है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने घाटे का बजट पेश किया है. इस बजट में एसेट्स मॉनिटाइजेशन का बिंदु है, जिससे साफ है कि सरकारी संपत्तियों को बेचकर खर्च चलाया जाएगा. सरकार के पास वेतन और पेंशन देने तक के पैसे नहीं हैं, फिर भी बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि बजट में सभी वर्गों के साथ धोखा हुआ है.
प्रेस वार्ता में सीएम ने की 'मन की बात' : टीकाराम जूली ने कहा कि आज प्रदेश का बजट आया है. बजट बताता है कि आमजन के लिए सरकार का विजन क्या है. आज भी वित्त मंत्री दीया कुमारी ने बजट पढ़ा, लेकिन प्रेस वार्ता में उन्हें बोलने नहीं दिया गया. जबकि प्रेस वार्ता वित्त मंत्री की तरफ से होनी चाहिए थी. मुख्यमंत्री ने भी केवल मन की बात ही की. इस बार भी उन्होंने मीडिया से सवाल नहीं लिए. पहले भी कई बार ऐसा हुआ कि सीएम मीडिया के सवालों से बचते नजर आए हैं.
राजस्व प्राप्ति में पिछड़े, खर्च भी पूरा नहीं किया : जूली बोले, पिछले बजट में भी इन्होंने अनुमान लगाया था कि 2 लाख 65 हजार करोड़ की राजस्व प्राप्ति होगी, जिसे ये पूरा नहीं कर पाए. भारत सरकार ने ज्यादा पैसा दिया. इसके बाद भी ये लक्ष्य हासिल करने में सफल नहीं हुए. इन्होंने राजस्व व्यय का लक्ष्य 3 लाख 34 हजार 796 करोड़ रखा. उसमें से 2 लाख 94 हजार 557 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाए. व्यय भी पूरा नहीं कर पाए.
प्रदेश के हर व्यक्ति पर एक लाख का कर्ज लादा : जूली ने कहा कि इनके समय में राजस्व घाटा 32 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया. इस बार के बजट अनुमान में राजकोषीय घाटा बढ़कर 84 हजार 43 करोड़ रुपये पहुंच जाएगा. राजस्थान सरकार का कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है. आने वाले समय में सरकार का कर्जा सवा 7 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. इसका आशय है कि प्रदेश के हर व्यक्ति पर करीब एक लाख रुपये का कर्ज सरकार की तरफ से डाल दिया जाएगा.
एक साल में संकल्प पत्र पर आठ फीसदी काम : जूली बोले, इन्होंने पिछली बार दस संकल्प बताए थे. अबकी बार उनका कहीं जिक्र नहीं किया गया है. पिछले साल बजट रिप्लाई में मुख्यमंत्री ने कहा था कि घोषणा पत्र की 50 फीसदी घोषणाएं पूरी कर दी गई हैं. अब वित्त मंत्री कह रही हैं कि संकल्प पत्र की 58 फीसदी घोषणाएं पूरी कर ली गई है. एक बजट में इन्होंने महज आठ फीसदी ही बढ़ोतरी हुई है. इन्होंने खुद माना है कि पिछला बजट भी 73 फीसदी ही पूरा हुआ है. पिछले बजट 100 फीसदी कब पूरा होगा. सरकार खुद भी नहीं जानती है.
रिफाइनरी की डेडलाइन बढ़ाई, खर्च बढ़ा : उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने कहा था कि रिफाइनरी का काम 31 दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा. फिर कहा गया कि अप्रैल 2025 तक पूरा किया जाएगा. अब कह रहे हैं कि अगस्त 2025 में रिफाइनरी का काम पूरा होगा. लेटलतीफी के कारण इसका खर्चा भी 40 हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये हो गया है. सरकार की हालात यह है कि पेंशन और वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं, लेकिन बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है.
नए बजट में जोड़ा पुरानी घोषणाओं को : वे बोले, बजट में असेट्स मॉनिटाइजेशन की बात कही गई है. इसका मतलब यह है कि सरकार सरकारी संपत्तियां बेचकर अपना खर्चा चलाएगी. जूली ने कहा कि सरकार अपनी पुरानी घोषणाओं को ही पूरा नहीं कर पाई. इस बजट में पुरानी कई योजनाओं को फिर से जोड़ दिया. बजट में भर्तियों को लेकर कोई स्पष्ट बात नहीं की है. निजी क्षेत्र में 2 लाख रोजगार को घटाकर 1.50 लाख ही कर दिया गया है.
हमारे समय की योजनाएं कॉपी-पेस्ट : नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राइजिंग राजस्थान के एमओयू को लेकर कोई जिक्र नहीं किया. हमारे समय की कुछ घोषणाओं को बजट में कॉपी पेस्ट कर दिया है. किसान सम्मान निधि में किसान के साथ धोखा किया गया है. किसानों की कई फसलों की एमएसपी पर खरीद नहीं की जा रही. पशुपालकों को सब्सिडी का पैसा नहीं मिल पा रहा है. एससी एसटी के लिए सरकार ने बड़ी बड़ी घोषणाएं तो कर दी, लेकिन पिछले बजट की घोषणाएं ही धरातल पर नहीं उतर पाईं.
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर थोथे वादे किए : उन्होंने कहा कि मेडिकल सेवाओं को लेकर थोथी घोषणाएं की गई. आरयूएचएस में ही खाली पदों को नहीं भर पाए. जमीन नीलामी वाले किसानों को आज तक मुआवजा नहीं दिया गया है. युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दे पा रहे हैं. जयपुर में बन रहे आईपीडी टॉवर के 100 करोड़ रुपये भी सरकार नहीं दे पा रही है. गौशालाओं के अनुदान को 9 की जगह 12 महीने करने की जरूरत है. हमारे समय की कई योजनाओं को सरकार ने रोक दिया है. विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप नहीं मिल रही.
100 यूनिट निशुल्क बिजली पर स्थिति हो साफ : जूली ने कहा है कि बजट को लोक लुभावन बनाकर लोगों को गुमराह किया गया है. युवाओं के साथ धोखा किया गया है. घोषणाओं में चरणबद्ध तरीके से शब्द जोड़ दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि कितने चरण में काम होंगे. ये सरकार किरोड़ीलाल मीणा के आरोपों पर ही स्पष्ट जवाब नहीं दे रही है. 100 यूनिट फ्री बिजली बंद करने के मुद्दे पर सरकार को अपनी बात स्पष्ट करनी चाहिए, क्योंकि लोगों में असमंजस बना हुआ है. भजनलाल सरकार सोलर एनर्जी में निजी कंपनियों को हावी करना चाहती है.