मेरठ : पश्चिमी यूपी के मेरठ में स्थित चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी और उससे संबद्ध सैकड़ों कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए विश्वविद्यालय की डिजिटल लाइब्रेरी किसी वरदान से कम नहीं है. बीते लगभग चार साल के अंतराल में जो भी यहां पढ़ाया गया है वह नियमित तारीख से डिजिटल लाइब्रेरी सेक्शन में एक क्लिक पर उपलब्ध है. आईए जानते हैं इसके बारे में...
NAAC A++ ग्रेड प्राप्त प्रदेश की ये स्टेट यूनिवर्सिटी अब वेस्ट यूपी के मेरठ जिले समेत बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़ और बागपत जिले तक के विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध लाखों छात्र, छात्राओं के लिए उपयोगी साबित हो रहा है. हालांकि अब तो सहारनपुर में अलग विश्वविद्यालय बन गया है.
कोरोना काल में शुरू हुई डिजिटल लाइब्रेरी :विश्वविद्यालय कैंपस में स्थापित राजा महेंद्र प्रताप लाइब्रेरी के, लाइब्रेरी अध्यक्ष प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी बताते हैं कि यह प्रक्रिया कोरोना काल में प्रारम्भ हुई थी. उस वक़्त शिक्षण संस्थान बंद थे, ऐसे में विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया था, कि स्टूडेंट्स की पढ़ाई बाधित न हो, उस वक़्त शिक्षक कक्षा में डिजिटल मोड़ पर स्टूडेंट्स को पढ़ाते थे. प्रदेश की सरकार ने डिजिटल लाइब्रेरी विकसित की थी. इस लाइब्रेरी को उस वक़्त उत्तर प्रदेश हायर एजुकेशन डिजिटल लाइब्रेरी कहते थे. उसके बाद से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में डिजिटल लाइब्रेरी तब से अनवरत संचालित है.
5 हजार से ज्यादा ऑनलाइन ई कंटेंट्स उपलब्ध :प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी बताते हैं कि विश्वविद्यालय के 500 से अधिक शिक्षकों के लगभग 40 विषयों में 5 हजार 400 से ज्यादा ऑनलाइन लेक्चर्स, पीपीटीज, ई कंटेंट्स, वीडियोज अपलोड किये जा चुके हैं. यह कार्य अभी तक निरंतर चल रहा है.