जिला स्तरीय कुथाह मेला (ETV Bharat) सराज: घाटी का ऐतिहासिक जिला स्तरीय कुथाह मेला बुधवार को ढोल-नगाड़ों की थाप पर शुरू हुआ. दोपहर बाद देवी-देवताओं की भव्य जलेब निकाली गई. मेले का शुभारंभ देवी महामाया, देव तुंगासी, शृंगा ऋषि और देव भूमासी के आगमन के साथ हुआ. हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है. यहां की देव परंपरा व संस्कृति की देशभर में अनूठी पहचान है.
इस दौरान देवी महामाया मंदिर से मेला मैदान तक जलेब निकाली गई. इसमें क्षेत्रवासियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. पूरा मेला मैदान देव ध्वनियों से गूंज उठा. जिला स्तरीय कुथाह मेला 22 मई से 31 मई तक चलेगा. दोपहर बाद उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बतौर मुख्यातिथि मेले में शिरकत की.
उपायुक्त ने कहा मेले आपसी भाईचारे के प्रतीक होते हैं. हमें अपनी संस्कृति को संजोए रखना चाहिए उन्होंने कहा प्राचीन परंपरा को कायम रखने के लिए सराज के लोग बधाई के पात्र हैं. थुनाग प्रशासन की ओर से एसडीएम थुनाग ललित पोसवाल ने मुख्यातिथि को शॉल, हिमाचली टोपी व देवी माहामाया तुंगासी की स्मृति चिन्ह भेंट की.
इस अवसर पर स्थानीय पंचायत के प्रधान हेमराज ठाकुर, तहसीलदार थुनाग अमित कल्थाईक व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे. बता दें कि कुथाह मेला गुच्छियों के कारोबार के लिए मशहूर है. यह मेला व्यापारिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है. मेले में लाखों रुपयों का कारोबार होता है. सराज घाटी के लोग पूरे सीजन में इकट्ठा हुई गुच्छियों को मेले में बेचते हैं. इसके चलते लोगों को अच्छे खासे दाम मिल जाते है
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