कुशीनगरःप्रयागराज महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ सैकड़ों परिवारों को ऐसा दर्द दे गया है, जो जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे. कुशीनगर के रामकोला थाना क्षेत्र के बगहा बुजुर्ग की रहने वाली 40 वर्षीय महिला बसंती देवी भी मौनी अमवस्या पर स्नान करने गईं थी, लेकिन वापस नहीं लौट सकीं. भगदड़ में भीड़ के पैरों तले रौद दी गईं. परिजनों को किसी तरह अस्पताल में शव तो मिल गया लेकिन घर लाने के लिए मिन्नतें करनी पड़ीं. आरोप शासन-प्रशासन ने एंबुलेंस नहीं उपलब्ध करवाया तो निजी एंबुलेंस से शव लेकर घर आए.
महाकुंभ भगदड़ में कुशीनगर की महिला की मौत, शव घर लाने के लिए देने पड़े 22 हजार रुपये, परिजनों का आरोप - MAHAKUMBH STAMPEDE
ग्रामीणों ने चन्दा देकर इकठ्ठा किया निजी एम्बुलेंस का किराया, शासन-प्रशासन द्वारा मदद नहीं करने का परिजनों लगाया आरोप
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Feb 1, 2025, 10:03 PM IST
बगहा बुजुर्ग गांव के दुर्गेश ने बताया 28 जनवरी को बसंती देवी अपने मायके पडरौना से बस पकड़कर प्रयाग के लिए निकली थीं. गोरखपुर से ट्रेन द्वारा प्रयाग जाकर अपनी बहन के साथ कुंभ स्नान करना तय किया था. मौनी अमावस्या के पहले प्रयागराज कुंभ मेले में पहुंच बसंती देवी आराम कर रही थीं. कुछ ही देर में उसकी बहन भी मौके पर जाने वाली थी, तभी भगदड़ मच गई. जिसमें बसंती देवी बुरी तरह घायल हो गयीं थी. बहन जब 29 की सुबह कुंभ में पहुंची और फोन किया तो बसंती देवी का मोबाइल किसी पुलिस वाले ने उठाया और जानकारी दी की अचेत अवस्था में अस्पताल में पड़ी है, क्योंकि वह भगदड़ में घायल हो गई थी.बहन अस्पताल पहुंची. जहां इलाज के दौरान शुक्रवार बसंती देवी की मौत हो गयी. आरोप है कि पति पुलिस की सूचना पर पहुंची बहन ने प्रशासन से शव को घर पहुंचने के लिए काफी गुहार लगाई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली.
वहीं, बसंती देवी के शव के गांव पहुंचने पर तहसीलदार, कप्तानगंज थाना प्रभारी, रामकोला और विधायक ने परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.इसके बाद महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया गया. शव वापस गांव आने पर अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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